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पाकिस्तान में चुनाव आज, मोबाइल-इंटरनेट सेवा बंद; पूर्व पीएम इमरान खान ने जेल से डाला वोट

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में आज आम चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। सुबह 8 बजे से वोटिंग की शुरुआत हुई है। आम चुनाव के मद्देनजर देश के कई शहरों में मोबाइल-इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। साढ़े छह लाख सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। शाम साढ़े 5 बजे तक मतदान चलेगा। इस चुनाव में 5121 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें से 4,806 पुरुष, 312 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर उम्मीदवार हैं। आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान में 12.85 करोड़ वोटर्स नई सरकार चुनेंगे। इसके लिए तीन पार्टियों पीटीआई (PTI), पीएमएन-एल (PMN-L) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के बीच महामुकाबला है।

आम चुनाव के लिए 9,07,675 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इस चुनाव में नवाज शरीफ की नजर रिकॉर्ड चौथी बार प्रधानमंत्री बनने पर होगी। वहीं, पीपीपी की तरफ से बिलावल भुट्टो-जरदारी प्रधानमंत्री पद का चेहरा हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या जेल से बंद इमरान खान क्या नवाज शरीफ को दे पाएंगे मात? जेल में बंद इमरान खान ने अडियाला जेल डाक मतपत्र के माध्यम से अपना वोट डाला। पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही, अवामी मुस्लिम लीग के प्रमुख शेख राशिद और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने भी डाक मतपत्र के माध्यम से वोटिंग की। बता दें पाकिस्तान नेशनल असेंबली में कुल 336 सीटें हैं, जिनमें से केवल 266 सीटों पर ही वोटिंग होती है। बहुमत का आंकड़ा 169 है। 60 सीटें महिलाओं और 10 सीटें गैर-मुस्लिमों के लिए आरक्षित होती हैं। पंजाब प्रांत में सबसे ज्यादा 141 सीटें, सिंध में 61 सीटें, खैबर पख्तूनख्वा में 45 सीटें, बलूचिस्तान में 16 सीटें और इस्लामाबाद में तीन सीटें हैं।

क्रिकेटर से नेता बने पीटीआई चीफ और देश के पूर्व पीएम इमरान खान इस समय जेल में बंद हैं। वह जेल से ही चुनावी जंग में हैं। अप्रैल 2022 के बाद वह लगातार पाकिस्तान में सेना के खिलाफ मुहीम छेड़े हुए हैं। पिछले साल सितंबर से वह लगातार जेल में बंद हैं। वहीं, दूसरी तरफ नवाज शरीफ हैं जो तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। चार साल के निर्वासन के बाद वह पिछले साल लंदन से पाकिस्तान लौटे हैं। उनके ऊपर भी कई मामले दर्ज हैं। पिछली सरकार उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ चला रहे थे।

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