छत्तीसगढ़राज्य

मांग बढ़ते से पूरे देश में बिजली खरीदी हुई महंगी, फिर भी छत्तीसगढ़ के किसानों को मिल रही सतत बिजली

रायपुर: प्रदेश में किसानों की सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए बिजली के क्षेत्र में ठोस कदम उठाए गए हैं। जिसमें एक ओर 20 हजार कृषि पंपों को स्थायी कनेक्शन दिया गया है वहीं एक साल में 79 पॉवर ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई गई है, ताकि पावर सबस्टेशन में ओवरलोडिंग की स्थिति न बने, और उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति की जा सके। राज्य में 5.86 लाख कृषि विद्युत पम्प वर्तमान में विद्युत कनेक्शनयुक्त है जिसमें स्थायी पम्प कनेक्शन 4.63 लाख एवं अस्थायी पम्प कनेक्शन 1.23 लाख है। इस वर्ष विद्युत पम्पों के नये कनेक्शन के कार्य को भी वरियता दी गई, जिसके फलस्वरूप 31 जून, 2021 में औपचारिकता पूर्ण 35161 में से बीस हजार विद्युत पम्पों को कुछ महीनों में ही उर्जित कर दिये गये है जो स्वत: एक रिकॉर्ड बन गया है ।

इन विद्युत पम्पों की विद्युत प्रदाय सतत रूप से बनाये रखने हेतु विगत् 12 माहों में 33/11 केव्ही उपकेन्द्रों के पावर ट्रान्सफार्मर की क्षमता उन्नयन हेतु विशेष ध्यान दिया गया है ताकि विद्युत उपलब्धता होने के बावजूद ओव्हर लोडिंग के कारण विद्युत कटौती जैसी स्थिति निर्मित न हो।उल्लेखनीय है कि 1 अगस्त 2020 से 30अगस्त, 2021 की अवधि में 79 पावर ट्रान्सफार्मरों की क्षमता वृद्धि की गई, यह भी एक रिकार्ड है। बीते साल 30 पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि हुई थी। अधोसंरचना के विकसित होने से कृषि पम्पों हेतु लगातार विद्युत प्रवाह रहा। इस वर्ष अवर्षा के समय राज्य का लोड 4950 मेगावाट हो गया, जो गत वर्ष 4700 मेगावाट था। यह छत्तीसगढ़ राज्य गठन से लेकर अब तक का सर्वाधिक दर्ज लोड है। इस स्थिति में भी कृषि पम्पों को बिजली की आपूर्ति निर्बाध मिलना एक बड़ी सफलता है।

पिछले बारह महीनों में सब स्टेशन में पावर ट्रान्सफार्मर क्षमता वृद्वि के कार्यो में जिला महासमुन्द में 13 सब स्टेशन एवं जिला बेमेतरा में 12 सब स्टेशन में कार्य हुए फलस्वरूप ओवर लोडिंग की स्थिति नहीं आयी। इसी तरह जिला रायपुर, धमतरी, बलौदाबाजार, बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा, सूरजपुर में भी ओवर लोडिंग की स्थिति नहीं आयी। जिला कबीरधाम में दो उपकेन्द्रों मरकी एवं रवेली मे लोड बढ़ गया जिस पर तत्काल कार्यवाही करते हुए नये ट्रान्सफार्मर स्थापित किये गये। इसी तरह जिला बालोद में भी परसुली उपकेन्द्र में लोड बढ?े पर नया ट्रान्सफार्मर लगा दिया गया है। जिला दुर्ग के तीन उपकेन्द्र में भी नया ट्रान्सफार्मर लगाकर लोड बढ?े से रोक लिया गया है। जिला राजनांदगांव में सर्वाधिक 13 केन्द्रों में क्षमता वृद्वि की गई। यहां 33 के व्ही छूरिया फीडर के ओव्हर लोड होने के कारण 25 किमी नई लाईन का विस्तार कार्य किया जा रहा है जो आगामी 2 माहों में पूर्ण किया जाना लक्षित है।

अत्यधिक पावर लोड आने से 400 केव्ही से लेकर 132 केव्ही अति उच्चदाब उपकेन्द्रों में वोल्टेज घट जाता है जो एक तकनीकी कारण है एवं निदान के लिये इन उच्चदाब उपकेन्द्रों के पावर ट्रान्सफार्मर के टेप को बढ़ाया गया है। मूलत: लो-वोल्टेज की समस्या उन क्षेत्रों में आती है, जहां पम्प बाहुल्य क्षेत्र हैं एवं 11 केव्ही फीडर के अंतिम छोर में स्थित हैं। दुर्ग जिला के बोरी क्षेत्र में लो वोल्टेज की समस्या ज्ञात हुई जिसके निदान के लिये नई 33 केव्ही लाईन का कार्य किया जा रहा है जो संभवत: 10 सितम्बर, 2021 तक पूर्ण हो जायेगा। इस तरह के समस्या का जैसे ही संज्ञान में आते हैं, कार्य कराये जा रहें है। विद्युत कृषि पम्पों को सतत् विद्युत आपूर्ति हेतु मैदानी अधिकारियों को विशेष निर्देश दिये गये है एवं तकनीकी समस्याओं का तत्कालीक निदान भी किया जा रहा है। गौर तलब है कि भूमिगत जल स्तर के अत्यधिक नीचे चले जाने से भी कृषि पंप से पानी कम आने से लो वोल्टेज की शंका की जानकारी मिलते ही अधिकारी मौके पर जाकर वोल्टेज सही पाये , जिससे ग्रामवासी भी संतुष्ट हुए कि जल स्तर का नीचे होना ही बोर पंप से कम पानी आने का कारण है। इस प्रकार की पूरी सजगता रखी जा रही है , जिससे पूरे राज्य में खरीफ फसल के दौरान बिजली की आपूर्ती बनी हुई है।

उल्लेखनीय है कि अभी पूरे देश में बिजली की मांग बढ़ी हुई है और पीक डिमांड के समय बिजली 18 रुपये से 20 रुपये के सर्वाधिक बढ़े दर पर ही मिल पा रही है। ऐसी परिस्थिति में भी छत्तीसगढ़ के कृषि पंपों को निर्बाध बिजली मिलना जहॉ एक बड़ी सफलता है , वहीं कृषि पम्पों के प्रति बिजली विभाग की संवेदनशीलता को भी स्पष्ट करता है ।

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