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UPI से हो रहा सबसे ज्यादा EMI भुगतान…पेट्रोल और किराने को भी पीछे छोड़ा, आंकड़े देख हो जाएंगे हैरान

नई दिल्ली: देश में डिजिटल भुगतान प्रणाली का नेतृत्व कर रही यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने जुलाई 2025 में एक नए कीर्तिमान को चूमा है। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की ताज़ा रिपोर्ट में जारी आंकड़ों से पता चलता है कि UPI अब सिर्फ रोज़मर्रा के खर्चों तक सीमित नहीं रही—अब यह गृहस्थी की बड़ी जिम्मेदारियों, जैसे कि लोन की EMI, को पूरा करने में भी मुख्य माध्यम बन चुका है।

EMI भुगतान में UPI की बढ़ती भूमिका
जुलाई में डेट कलेक्शन एजेंसियों, जिनमें सरकारी और निजी बैंक और NBFC शामिल हैं, को ₹93,857 करोड़ का भुगतान UPI के माध्यम से किया गया—यह EMI जैसी प्रमुख किश्तों का आकार दर्शाता है।

NPCI की रिपोर्ट बताती है कि अगर लेन-देन मूल्य के हिसाब से देखें, तो यह सभी मर्चेंट श्रेणियों में सबसे अधिक रहा।

रोजमर्रा के खर्चों पर UPI—किराना, पेट्रोल और सेवाएं
किराना और सुपरमार्केट सबसे अधिक लेन-देन की श्रेणी बनी, जहां कुल 3.03 अरब ट्रांजैक्शन हुए, जिनकी कुल राशि ₹64,882 करोड़ थी।

फ्यूल स्टेशनों को भी UPI के माध्यम से भारी भुगतान हुआ—करीब ₹35,000 करोड़ आए।

इसके अलावा, बिजली, पानी, गैस और स्वच्छता सेवाओं के लिए भी लगभग ₹23,497 करोड़ का भुगतान किया गया।

कुल UPI ट्रांजैक्शन—रिज रिकॉर्ड ब्रेक
जुलाई में कुल UPI ट्रांजैक्शन की संख्या 1,947 करोड़ (19.47 बिलियन) थी, जिसका मूल्य ₹25.1 लाख करोड़ के करीब था। यह पिछले साल की तुलना में मात्रा में 35%, और मूल्य में 22% से अधिक वृद्धि दर्शाता है।

जून में गिरावट के बाद यह पुनः तेज़ी से बढ़ा, जो UPI प्रणाली में बढ़ती भरोसेमंदता और अपनाने की दर को बताता है।

वैश्विक तकनीकी बढ़त और नियमन
UPI अब दुनिया में सबसे तेज़ भुगतान प्रणाली बनने की ओर अग्रसर है—यह हर दिन 650 मिलियन से अधिक ट्रांजैक्शन्स प्रोसेस कर रहा है, और विश्व वास्तविक-समय भुगतान में इसकी हिस्सेदारी महत्वपूर्ण है।

इसी बीच, NPCI ने अगस्त 1, 2025 से नए नियम लागू किए—जिनमें दैनिक बैलेंस चेक की सीमा, ऑटोपे API की समय-सीमा, और उपयोगकर्ता अनुभव में सुधार शामिल हैं।

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