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कर्मचारियों का चंडीगढ़ में टूट रहा सब्र, बोले- फ्लैट नहीं मिले तो लोकसभा चुनाव में भाजपा को भेजेंगे पैवेलियन

चंडीगढ़: यूटी इंप्लाइज सीएचबी वेलफेयर हाउसिंग सोसायटी के सब्र का बांध टूट रहा है। चुनावी सरगर्मी बढ़ने पर अब वह भी सक्रिय हो गए हैं। मकान नहीं मिलने से नाराज कर्मचारियों ने एलान कर दिया है कि नगर निगम चुनाव में तो भाजपा साथ देंगे। उनके प्रत्याशियों को वोट देकर जिताएंगे, लेकिन इसके बाद भी अगर उन्हें फ्लैट नहीं दिए गए तो वह भाजपा को लोकसाभ चुनाव में पैवेलियन भेज देंगे।

वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ वोट करेंगे। इसके लिए जनसमर्थन अभियान चलाया जाएगा। वर्ष 2008 में चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने इंप्लाइज हाउसिंग स्कीम लांच की थी। करीब 4 हजार इंप्लाइज का चयन ड्रा के माध्यम से फ्लैट के लिए हुआ था। नाम फाइनल होने पर उनसे 25 फीसद राशि तक जमा कराई गई। लंबा अरसा बीतने के बाद भी फ्लैट नहीं मिले। इससे नाराज इंप्लाइज ने नगर निगम चुनाव में बायकाट का एलान कर दिया था। कर्मचारियों की नाराजगी को देखते हुए भाजपा नेता हरकत में आए। भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि अभी चुनाव आचार संहिता लगी हुई है, इसलिए कोई काम नए सिरे से नहीं हो सकता। नगर निगम चुनाव के बाद वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय से बात करके 5 अक्टूबर, 2012 वाले पत्र को इंप्लाइज हाउसिंग स्कीम से डीलिंक करवाकर देंगे।

फिर, चाहे उसके लिए उन्हें दिल्ली के 500 चक्कर लगाने पड़ें। अरुण सूद से आश्वासन मिलने के बाद सोसायटी ने सरदार बलविंदर सिंह की अध्यक्षता में मीटिंग कर सभी से चर्चा की। इस पर इंप्लाइज बहुत आक्रोशित हुए लेकिन उन्होंने टीम सोसायटी को आगाह किया कि नगर निगम चुनाव के बाद भी इंप्लाइज को 5 अक्टूबर 2021 वाले पत्र को छह महीने के अंदर डीलिंक नहीं करवाया तो यूटी इंप्लाइज 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पैवेलियन का रास्ता दिखा देंगे। काम न होने पर नगर निगम चुनाव के छह महीने बाद घर-घर जाकर जनजागरण अभियान चलाया जाएगा। पार्टी का इसलिए विरोध किया जाएगा क्योंकि इंप्लाइज हाउसिंग स्कीम निकलने के 14 साल बाद भी इंप्लाइज के लिए मकान नहीं दिलवा सके हैं।

यह इंतजार अब और नहीं
सोसायटी के महासचिव डॉ. धर्मेंद्र शास्त्री ने बताया कि काफी समय से न तो उच्च न्यायालय में यूटी इंप्लाइज हाउसिंग स्कीम के मामले की सुनवाई हो रही है और न ही सरकार ने इस ओर अभी तक जल्द कार्रवाई के लिए कोई सकारात्मक कदम उठाया है। सरकार को भी पता है कि यूटी इंप्लाइज हाउसिंग स्कीम के बढ़े हुए रेट के कारण ही चंडीगढ़ में सभी हाउसिंग स्कीम रुकी हुई हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री आवास योजना भी इसलिए ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है जिसका कोई अता पता ही नहीं है। जबकि सरकार ने पूरे जोर शोर से प्रधानमंत्री आवास योजना शुरु करने की कोशिश की थी लेकिन जमीन के बढ़े हुए रेट के कारण यह स्कीम भी बंद हो गई।

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