उत्तर प्रदेशबहराइच

बहराइच: नवसृजित राजस्व ग्राम टेडिया में वन अधिकार आंदोलन की वर्षांत समीक्षा बैठक संपन्न

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बहराइच में शुक्रवार को नवसृजित राजस्व ग्राम टेडिया में वन अधिकार आंदोलन की “वर्षांत समीक्षा बैठक” का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता पूर्व राज्य मंत्री श्री बंशीधर बौद्ध ने की।बैठक को सम्बोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने कहा कि वन अधिकार आंदोलन, बहराइच के इतिहास में वर्ष 2022 अविस्मरणीय वर्ष रहेगा। वर्ष के पहले माह के पहले हफ्ते में पिछले 18 वर्षों की लड़ाई का परिणाम तब दिखाई पड़ा जब 8जनवरी 2022 को 4 वनग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तित कर दिया गया। वर्ष के आधे भाग में सामुदायिक अधिकार के तहत सामुदायिक सुविधाओं के लिए लगभग 9 हे0भूमि आरक्षित हो गई। अक्टूबर 2022 में सभी वन ग्रामों के राजस्व कोड जनरेट होने से खुशी और बढ़ गई। वर्ष के अन्तिम माह के अंतिम हफ्ते जिला अधिकारी डॉ दिनेश चंद्र जी की भवानीपुर विजिट ने वन अधिकार कानून के तहत टाइटिल धारकों के भूमि सम्बन्धी अभिलेख राजस्व दस्तावेजों में अंकित करा दिए। कुल मिलाकर इस वर्ष को उपलब्धियों का वर्ष कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।

संगठन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अब प्रत्येक वनगांव में वन अधिकारों के प्रति जागरूक 10 महिला पुरुषों को मिला कर ग्राम स्तरीय वन अधिकार संगठन बनाया गया है। इस संगठन का काम ग्राम स्तरीय मुद्दों को सुलझाना और गांव की एकता को बरकरार रखना है। वर्तमान में यह 11 गांव में कार्यरत है जहां पर प्रतिमाह में उनकी समय और सुविधा के अनुसार एक या एक से अधिक बैठकें होती हैं। आवश्यकता अनुसार आपातकालीन बैठक में भी होती हैं। वर्ष 2022 में 69 बैठकें की गई हैं।इसी तरह केंद्रीय वन अधिकार संगठन(कोर कमेटी) भी है।

केंद्रीय वन अधिकार संगठन का गठन प्रत्येक गांव के जनसंख्या के अनुसार होता है। प्रति 100 व्यक्ति पर एक सदस्य मनोनीत किया जाना सुनिश्चित किया गया है जिसे संविधान मित्र कहा जाएगा। केंद्रीय वन अधिकार संगठन में सदस्यों की संख्या फिलहाल 55 है किंतु यह अन्य गांव जो संगठन से जुड़ रहे हैं उनके हिसाब से और भी बढ़ने की उम्मीद है। यह वन अधिकार आंदोलन की कोर टीम है जो सभी प्रकार के आयोजनों के प्रबंधन तथा वन अधिकार मुद्दे की लड़ाई के लिए बनाया गया है। इस संगठन की बैठक प्रत्येक माह के 25 या 10 तारीख को रखी जाती है किंतु आवश्यकतानुसार तारीख में फेरबदल भी हो सकता है जिसकी सूचना व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से प्रत्येक गांव को भेज दी जाती है। वर्ष 2022 में कुल 1 2 बैठकें अब तक आयोजित की जा चुकी हैं।

बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रधान प्रतिनिधि प्रीतम निषाद ने कहा कि वनग्रामों के राजस्व ग्राम बन जाने के बाद विकास के सभी रास्ते खुल गए हैं। प्राथमिक विद्यालय के लिए भूमि चयनित की जा रही है और सभी चक मार्ग पर कच्ची पटान की जाएगी। इसके अलावा मुख्य मार्गो को सर्व मौसम सुलभ सड़कों से जोड़ा जाएगा। पूर्व राज्य मंत्री बंशीधर बौद्ध ने कहा कि अब वन अधिकार संगठन एकजुट है। संगठन में कोई मतभेद नहीं है। वनाधिकार संगठन के साथियों की जिम्मेदारी है कि संगठन की हर बैठक में भाग लेना और अपने विचार व्यक्त करना तथा आवश्यकता के अनुसार कहीं भी चलने के लिए तैयार रहना चाहिए। इस के अलावा संगठन की मजबूती के लिए संसाधन जुटाना भी जरूरी है।

वनाधिकार समिति के अध्यक्ष केशव सिंह ने कहा कि धर्म, जाति और राजनीतिक लफड़े से स्वयं को दूर रखकर धैर्य के साथ “सब एक के लिए एक सबके लिए” के सिद्धांत पर चलना है और हर वन निवासियों को वन अधिकार कानून 2006 का लाभ दिलाना है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि नया वर्ष 2023और भी बेहतर रहेगा। बैठक में केशव सिंह, विंदा देवी, भानमती,सुरेंद्र सिंह, फगुनी प्रसाद, अशोक कुमार,राजमंगल ,चम्पक लाल आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।

Related Articles

Back to top button