ENG vs IND: मैच ड्रा होने के बाद इंग्लिश कप्तान जो रूट ने भारत का माना लोहा, कहा “वो काफी मजबूत हैं”
ट्रेंट ब्रिज में भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच खेला गया. इस मैच में भारत को जीत के लिए दूसरी पारी में 209 रन का टारगेट मिला था. टीम इंडिया ने चौथे दिन का खेल खत्म होने तक एक विकेट के नुकसान पर 52 रन बना लिए थे और उसे मैच के पांचवें दिन जीत के लिए 157 रन बनाने थे. बारिश की वजह से पांचवें दिन एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी और दिन का खेल रद कर दिया गया. दिन का खेल रद किए जाने की वजह से ये मैच ड्रॉ हो गया। इस मैच में इंग्लैंड के कप्तान जो रूट को उनकी शतकीय पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया.
मैच के ड्रॉ होने के बाद कप्तान जो रूट (Joe Root) को मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया है. इस मुकाबले की दोनों ही पारियों में उन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए टीम की वापसी कराई थी. पहले पारी में उनके बल्ले से बेहतरी अर्धशतकीय (64) पारी निकली थी. इसके बाद दूसरी पारी में उन्होंने बेहतरीन शतकीय (109) पारी के दम पर इंग्लैंड का स्कोर 309 रन पर पहुंचाने में खासा मदद की थी. उनके इस प्रदर्शन के आधार पर उन्हें मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया है.
‘मौसम ने मुकाबले में बाधा पैदा कर दी नहीं तो मैच का अंतिम दिन बेहद दिलचस्प होता. खेलने और देखने में टेस्ट मैच बेहद शानदार है. सीरीज को वास्तव में अच्छी तरह से सेट करता है और उम्मीद है कि हम इसे अगले खेलों में ले जा सकते हैं. हमें निश्चित रूप से विश्वास था कि हम जीत सकते हैं.
हम जानते थे कि हमारे पास मौके होंगे अगर हमने कैच लपके और अपने बाउंड्री को बचाए रखा. यह शर्म की बात है कि ये मुकाबला इस तरह से खत्म हुआ. लेकिन, कुछ विभाग ऐसे हैं जहां हम बेहतर होना चाहते हैं’.
‘हम उच्च क्रम में बेहतर प्रदर्शन करना चाहते हैं और कैच नहीं छोड़ना चाहते हैं. हमें बेहतर किरदार की जरूरत है. हम उस उत्साह को बनाए रखना चाहते हैं. यहां रन बनाना मजेदार है और वाकई यह शानदार खेल है. वास्तव में हम अवसरों का आनंद ले रहे हैं.
इसलिए शेड्यूल और सेटअप में बदलाव होने तक हमें इससे पूरी तरह से निपटना होगा. अनुभवी खिलाड़ियों के लिए सफेद गेंद से टेस्ट क्रिकेट में जाना आसान होता है. लेकिन, युवा खिलाड़ियों के पास ऐसा एक्सपीरियंस नहीं हो सकता है’.
‘यह हमारे युवाओं के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा. लेकिन यह किसी तरह का कोई बहाना नहीं है. आखिर में अपने शतक तक पहुंचना मेरे लिए राहत की बात थी कि मैं दिन भर कैसा खेलता रहा. मुझे लगता है कि भारत के पास बहुत अच्छा सीम अटैक है और उन्होंने जिस तरह से गेंदबाजी की उसका श्रेय उन्हें ही जाता है. मैं बस कुछ शॉट्स के साथ उन पर दबाव बनाना चाहता था’.