EPFO बढ़ा सकता है अनिवार्य वेतन सीमा.. 1 करोड़ कर्मचारी होंगे लाभान्वित

नई दिल्ली : एप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन की अगली बैठक में ईपीएफ (EPF) और ईपीएस (EPS) में शामिल होने के लिए न्यूनतम 15000 रुपये की लिमिट को आगे बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार इन योजनाओं में आने के लिए अनिवार्य वेतन सीमा को बढ़ाकर 25000 रुपये प्रति माह किया जा सकता है। अगर यह फैसला होता है तो एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों को इसका फायदा हो सकता है। बता दें, ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की अगली मीटिंग दिसंबर या जनवरी में होगी। इसी मीटिंग में इस पर फैसला होगा।
ऐसे कर्मचारी जिनका मूल वेतन मौजूदा समय में 15000 रुपये है वही ईपीएस और ईपीएफ के दायरे में आते हैं। जबकि उससे ज्यादा कमाने वाले कर्मचारियों के पास इससे बाहर निकलने का विकल्प रहता है। 2014 के बाद यह पहली बार होगा जब वेतन सीमा प्रस्ताव पर बढ़ोतरी की चर्चा होगी।
एक रिपोर्ट के अनुसार श्रम मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी ने बताया है कि ईपीएफ और ईपीएस स्कीम के लिए वेतन सीमा को 10,000 रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। ऐसा होने पर 1 करोड़ अतिरिक्त कर्मचारियों को इसका फायदा होगा।
मौजूदा नियमों के अनुसार कर्मचारी और नियोक्ता को 12-12 प्रतिशत एप्लॉयीज़ के सैलरी से कॉन्ट्रीब्यूट करना होता है। जहां कर्मचारी का 12 प्रतिशत का योगदान सीधे ईपीएफ अकाउंट में जाता है। तो वहीं नियोक्ता का 3.67 प्रतिशत ईपीएफ में और 8.33 प्रतिशत ईपीएस में जाता है।
मौजूदा समय में ईपीएफओ 26 लाख करोड़ रुपये का फंड मैनेज कर रही है। वहीं, 7.6 करोड़ लोग एक्टिव सदस्य हैं। एक्सपर्ट्स भी इस संभावित कदम का स्वागत कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे बदलते आर्थिक अनिश्चितता के बीच वित्तीय स्थिरता आएगी।



