यूरोपीय यूनियन मेटा कंपनी पर लगाया 1.3 अरब डॉलर का जुर्माना, जानिए क्या है पूरा मामला
नई दिल्ली : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक एवं व्हाट्सऐप का संचालन करने वाली कंपनी मेटा पर यूरोपीय यूनियन (european union) ने यूजर्स के बारे में जानकारी अमेरिका भेजने पर सोमवार को रोक लगाने के साथ 1.3 अरब डॉलर का जुर्माना भी लगा दिया। करीब पांच साल पहले यूरोपीय यूनियन में निजता उल्लंघन ना लगाया था।
मेटा ने करीब एक दशक पुराने इस मामले में पहले यूरोप के यूजर्स की सेवाएं बंद करने की चेतावनी दी थी। लेकिन यूरोपीय यूनियन का सख्त आदेश आने के बाद उसने ऊपरी अदालत में अपील करने की बात कही है जिसमें फैसले पर रोक लगाने की गुहार लगाई जाएगी।
मेटा के ग्लोबल इश्यू के हेड निक क्लेग और चीफ लॉ ऑफिसर जेनिफर न्यूस्टीड ने एक संयुक्त में कहा, “यह निर्णय त्रुटिपूर्ण एवं अन्यायपूर्ण होने के साथ यूरोप एवं अमेरिका के बीच आंकड़े भेजने वाली दूसरी अनगिनत कंपनियों के लिए एक खतरनाक नजीर पेश करता है।” इसके साथ ही मेटा ने कहा कि यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में फेसबुक की सेवा में तत्काल कोई गतिरोध नहीं आया है।
यूरोपीय यूनियन के सदस्य आयरलैंड के आंकड़ों के संरक्षण से जुड़े आयोग ने मेटा को उपयोगकर्ताओं के बारे में सूचनाएं अमेरिका भेजने पर रोक लगाने के लिए पांच महीने की मोहलत दी है। वहीं आंकड़ों को लेकर परिचालन का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए छह महीने का वक्त दिया गया है। यह मामला वर्ष 2013 में शुरू हुआ था जब ऑस्ट्रिया के वकील एवं निजता अधिकारों के लिए सक्रिय मैक्स श्रेम्स ने फेसबुक के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी किए जाने संबंधी एडवर्ड स्नोडेन के आरोपों पर यह शिकायत की थी।
यूरोपीय यूजर्स के अकाउंट में दर्ज जानकारियों तक अमेरिकी एजेंसियों की पहुंच होने का मामला अमेरिका एवं यूरोप के बीच तनातनी का भी कारण बना। इस दौरान यूरोपीय संघ में जहां आंकड़ों की निजता से संबंधित सख्त कानून बना वहीं अमेरिका में लचीला रुख देखने को मिला।