दुनिया छोड़कर जाने के बाद भी पत्नी साथ रहे, इसलिए पति ने बनवा दिया उसका मंदिर
जब कोई दुनिया छोड़कर जाता हैं और उनके करीबियों को काफी दुःख पहुँचता हैं. कुछ लोगों का लम्बे समय तक किसी भी काम में दिल नहीं लगता और सिर्फ उस इंसान के बारे में सोचने लगते हैं, जबकि कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो अपने गम को गलती ही भूलकर अपनी लाइफ में बीजी हो जाते हैं. आज इस लेख में हम मध्यप्रदेश का ऐसा किस्सा सुनाने जा रहे हैं जो बेहद ही हैरान के देने वाला हैं.
एक परिवार ने अपने घर की महिला की मौत के बाद कुछ ऐसा किया कि अब वह हमेशा उनके साथ ही हैं. दरअसल एक पति ने अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद उसकी याद में एक मंदिर बनवा डाला. अब ये मंदिर इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ हैं. ज्यादातर देखने को मिलता हैं कि लोग किसी भगवान या समाजसेवी का मंदिर बनवाते लेकिन इस शख्स ने पत्नि का मंदिर बनवाकर सभी को हैरान कर दिया हैं. ये घटना मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले की हैं.
सांपखेड़ा गांव में स्थित मंदिर में बंजारा समाज की स्वर्गीय गीताबाई राठौड़ की मूर्ति है. इतना ही नहीं उनकी पति नारायणसिंह राठौड़ और परिवार के सदस्य प्रतिदिन इस मूर्ति की पूजा करते हैं. किसी भी शुभ कार्य से पहले आशिर्वाद जरुर लिया जाता हैं. घर में जब भी खाना बनता हैं तो सबसे पहले इसी प्रतिभा को भोग लगाया जाता हैं, इतना ही नहीं रोज प्रतिभा को नई-नई साड़ी भी पहनाई जाती हैं.
27 अप्रैल को कोरोना की दूसरी लहर में गीताबाई का निधन हो गया था. दरअसल परिवार वालों ने उन्हें बचाने के लिए पैसों पानी की तरह बहाए थे लेकिन शायद भगवान को कुछ और ही मंजूर था. माँ के जाने के बाद बच्चों के लिए गम बुलाना आसान नहीं था और वह दिन उदास और गुमसुम बैठे रहते थे. जिसके बाद उनके दिमाग में माँ के नाम से मंदिर बनवाने का विचार आया और उन्होंने ये बात अपने पिता को बताई.
माँ के निधन के दो दिन बाद 29 अप्रैल को उन्होंने प्रतिभा बनाने का आर्डर दिया था. जिसके बाद लगभग ढेढ महीनें बाद प्रतिभा तैयार हुई थी. बेटों का मानना हैं कि अब मां सिर्फ बोलती नहीं है, हालाँकि हर पल हमारे साथ रहती हैं.