पंजाब के श्योपत दादा की अनोखी कहानी.. जान हर कोई कर सलाम
लुधियाना: ‘मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है’। ये लाइनें उस समय चरितार्थ होती दिखीं जब अबोहर का 3 फुट 1 इंच का शोपत कुमार आई.ए.एस. बनने का सपना लेकर सरकारी कन्या कालेज में बने परीक्षा केंद्र में सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स की परीक्षा देने पहुंचा।
परीक्षा से पहले जब शोपत कुमार रखबाग में टहल रहा था तो वहां उसे देखकर सैर करने आए लोगों ने उसके साथ फोटो खिंचवाईं। इस कैंडीडेट के हौसले को वहां सैर करने आए मार्कीट कमेटी के पूर्व चेयरमैन दर्शन लाल बवेजा ने सलाम करते हुए कहा कि बेशक शोपत का कद छोटा है लेकिन उसका हौसला पहाड़ जितना है। अबोहर के पास गांव झरोडख़ेड़ा निवासी 27 वर्षीय शोपत कुमार के साथ उसका भाई हरदयाल कुमार भी आया था।
उसने बताया कि शोपत का कद 7 साल की आयु के बाद बढ़ा ही नहीं। गंगानगर के एक निजी कालेज से ग्रैजुएशन करने वाले शोपत ने भी कभी अपने छोटे कद को लक्ष्य का रोड़ा नहीं बनने दिया और पूरे आत्मविश्वास के साथ हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। पक्षी सेवा सोसायटी के प्रधान अशोक थापर व अन्यों ने शोपत से रखबाग में पक्षियों को दाना डलवाया और उसके आई.ए.एस. बनने के सपने को पूरा करने की प्रार्थना की। इस अवसर पर सुरिंद्र गिल, देवदत्त चुघ, पूर्व भाजपा जिला प्रधान राजीव कतना भी मौजूद थे।