EVM जांच : केजरीवाल, मायावती के तेवर गरम
लखनऊ : पंजाब में आम आदमी पार्टी के कमजोर प्रदर्शन से परेशान अरविंद केजरीवाल और उत्तर प्रदेश में करारी हार से आहत बसपा सुप्रीमो मायावती ने चुनावों में ईवीएम की गड़बड़ी के आरोपों को एक बार फिर दोहराते हुए इसकी जांच कराने की मांग की है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ईवीएम की गड़बड़ी के चलते आप को मिलने वाले 20-25 प्रतिशत वोट शिअद-भाजपा को चले गए हैं। वहीं लखनऊ में बसपा सुप्रीमो ने विधानसभा चुनावों में धांधली की शिकायत चुनाव आयोग से की जाएगी और अपेक्षित जवाब नहीं मिलने पर पार्टी न्यायालय में याचिका दायर करेगी। इसके खिलाफ 11 अप्रैल से आंदोलन शुरू किया जाएगा।
आप ने 117 सदस्यीय विधानसभा में 24.9 फीसदी मतों के साथ 20 सीटें जीती हैं। पार्टी प्रमुख केजरीवाल ने दावा किया कि ‘आप’ के खाते में आने वाले लगभग 20 से 25 प्रतिशत वोट संभवत: शिअद-भाजपा गठबंधन को ‘चले गए हैं’। केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी को महज 20 सीटें मिलना ‘समझ से परे’ है और यह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता पर एक ‘बड़ा सवाल खड़ा’ करता है क्योंकि विभिन्न राजनीतिक पंडितों ने पार्टी के लिए ”भारी जीत” की भविष्यवाणी की थी। इससे पहले बसपा प्रमुख मायावती ने भी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार के बाद इसी तरह के दावे किए थे और भाजपा पर लोकतंत्र की ‘हत्या’ करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि ईवीएम मशीनों में कथित छेड़छाड़ के खिलाफ वह अदालत जाएंगी। केजरीवाल ने दावा किया कि पंजाब जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में ‘आप को सत्ता से बाहर रखने के लिए’ ईवीएम के साथ संभवत: ”चयनित” तरीके से छेड़छाड़ की गई हो। इसके साथ ही आप प्रमुख ने राज्य में पार्टी के प्रदर्शन की ‘पूरी जिम्मेदारी’ ली।
उन्होंने गोवा के बारे में कुछ नहीं कहा जहां पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। केजरीवाल ने गड़बड़ी का संदेह जताते हुए कहा कि कुछ केंद्रों पर आप को जितने वोट मिले हैं वह वहां पर तैनात किए गए आप के कार्यकर्ताओं की संख्या से भी कम हैं। केजरीवाल ने यह मांग की कि पंजाब में लगभग 32 स्थानों और बाकी के चारों राज्यों में ईवीएम में दर्ज मतों की तुलना वीवीपीएटी (वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) से कराई जाए, जहां पेपर ऑडिट प्रणाली सक्रिय थी।
केजरीवाल ने कहा, ”जब आप को भारी जीत एक पूूर्व निर्धारित निष्कर्ष था तो अकालियों को 30 प्रतिशत वोट कैसे मिल गए? किसी ने नहीं कहा था कि कांग्रेस इतना अच्छा प्रदर्शन करेगी और दो तिहाई बहुमत ले आएगी। हमें संदेह है कि ईवीएम में गड़बड़ी के कारण ‘आप’ के हिस्से के 20-25 प्रतिशत मत शिअद-भाजपा को चले गए।”
गत 11 मार्च को पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद यह पहली बार है, जब केजरीवाल मीडिया से मुखातिब हुए। आप के राष्ट्रीय संयोजक ने गोवा का जिक्र नहीं किया।
गोवा में आम आदमी पार्टी के हिस्से में एक भी सीट नहीं आई है। कल केजरीवाल ने दिल्ली के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर उन्हें राज्य के चुनाव आयोग से संपर्क करने का निर्देश दिया था। इस निर्देश में उन्हें आयोग के समक्ष यह अनुरोध करने के लिए कहा गया है कि दिल्ली का आगामी निकाय चुनाव मतपत्रों के जरिए कराया जाए। उन्होंने कहा, ”यह चुनाव आयोग की विश्वसनीयता और मतदान प्रणाली में लोगों के विश्वास की बात है। प्रथम दृष्टया हमारे पास गड़बड़ी के पुख्ता सबूत हैं।” जब उनसे इसी तर्ज पर वर्ष 2015 में आप को मिली भारी जीत की वजह बताने को कहा गया था तो उन्होंने कहा कि शायद इसका संबंध इस बात से है कि भाजपा को तब ‘अति विश्वास’ था कि वह जीत हासिल कर लेगी।
उन्होंने कहा, ”इसलिए तब वे गड़बड़ी में शामिल नहीं हुए होंगे। यही जदयू-राजद की बिहार में हुई जीत को बयां करता है। यहां तक कि भाजपा को भी यकीन था कि वह राज्य में जीत जाएगी।” ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर अदालत जाएंगे (मायावती) बहुजन समाज पार्टी ने ईवीएम से कथित छेड़छाड़ के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। बसपा ने कहा कि भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या की है और इसलिए हर महीने वह ‘काला दिवस’ मनाएगी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार की समीक्षा के लिए बुलायी गयी बैठक के दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि चुनाव आयोग ने 11 मार्च को नतीजे घोषित होने के बाद हमारी शिकायत पर उचित जवाब नहीं दिया है। पार्टी ने इस मामले में अब अदालत जाने का फैसला किया है ताकि देश को भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी से बचाया जा सके और लोकतंत्र की रक्षा की जा सके।
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मायावती ने कहा कि बसपा इस धोखाधड़ी का पर्दाफाश करने के लिए उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में आंदोलन करेगी। पार्टी हर महीने की 11 तारीख को उत्तर प्रदेश तथा अन्य प्रदेशों के राज्य मुख्यालयों पर ‘काला दिवस’ मनाएगी। इस कड़ी में पहला प्रदर्शन 11 अप्रैल को होगा। बसपा नेता ने 11 मार्च को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के तुरंत बाद आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। उनका कहना है कि बेईमानी से हासिल की गयी जीत को छिपाने के लिए भाजपा अब कह रही है कि अगर ईवीएम में गड़बड़ी होती तो वे पंजाब, गोवा और मणिपुर में भी वैसा ही कर देते। मायावती ने कहा कि भाजपा को जनता को इतना भोला नहीं समझना चाहिए। अगर वे अन्य राज्यों में भी ऐसा ही करते तो जनता की ओर से उठने वाले सवालों का उचित जवाब देने की स्थिति में नहीं होते और आसानी से पकड़ में आ जाते। भाजपा ने छोटे राज्यों में ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की क्योंकि उन्हें अपने बचाव के लिए भी कुछ चाहिए था।
मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा नेे ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह कहती थी कि केन्द्र का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है इसलिए भाजपा ने इसी पर ध्यान केन्द्रित किया। ”उन्होंने (भाजपा) ईवीएम में गड़बड़ी करके जीत हासिल की और यह जीत बेईमानी, धोखाधड़ी और लोकतंत्र की हत्या कर हासिल की गयी है।” उन्होंने कहा, ”पार्टी के लोग कह रहे हैं कि उन्होंने बसपा के लिए वोट किया लेकिन हमारे वोट कमल में कैसे जुड़ गये उन्हें हैरत है कि ऐसा कैसे हो सकता है।”