हाजी अली की करें खुदाई, मिल जाएंगे समुद्र मंथन के निशान! मुस्लिम धर्मगुरु ने कही ये बात
अजमेर: भारत में ऐसी कई ऐतिहासिक जगहें हैं, जहां भले ही लंबे समय से इस्लामिक ढांचे मौजूद है लेकिन इतिहासकारों के मुताबिक़ वहां कभी हिंदुओं के मंदिर हुआ करते थे. इन सबूतों के आधार पर कई जगहों पर कोर्ट की परमिशन के साथ खुदाई का काम चल रहा है. ज्यादातर जगहों पर वाकई हिंदुओं के पक्ष में मामला जाता नजर आ रहा है. इससे इस्लामिक धर्मगुरुओं के माथे पर चिंता की लकीरें साफ़ देखने को मिल रही है.
अजमेर के ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर पहुंचे धर्मगुरु मौलाना तौकीर रजा खान ने जियारत की और देश में अमन और शान्ति को लेकर दुआ मांगी. मौलाना ने दरगाह पर मखमली चादर भी चढ़ाई और फूल पेश किये. इसके बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने धार्मिक स्थलों पर चल रही खुदाई पर बयान देकर हंगामा मचा दिया. मौलाना ने कहा कि देश में इस समय कई धार्मिक जगहों पर खुदाई का काम चल रहा है. खासकर मुस्लिमों के पवित्र स्थलों पर खुदाई कर वहां मंदिरों के प्रमाण ढूंढे जा रहे हैं. ये देश की एकता के लिए हानिकारक है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग जानते हुए देश की सांप्रदायिक सौहाद्र को बिगाड़ने के लिए खुदाई करवा रहे हैं.
इस दौरान मौलाना ने कहा कि अगर हर इस्लामिक ढांचे के नीचे मंदिर ही तलाशना है तो हाजी अली भी जरूर जाना चाहिए. हो सकता है कि कुछ लोगों को वहां समुद्र मंथन के प्रमाण मिल जाएंगे. कानून का हवाला देते हुए मौलाना ने कहा कि देश में वर्शिप एक्ट 1991 के तहत धार्मिक स्थलों को ज्यों का त्यों रखना है. लेकिन इसके बाद भी अगर खुदाई के लिए कोर्ट में दायर याचिकाओं को कबूला जा रहा है तो ये गैरकानूनी है. इसपर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए.