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Exclusive: सैन्य शिविरों पर मंडरा रहा है 250 आतंकियों का खतरा

A member of the Taliban insurgent and other people stand at the site during the execution of three men in Ghazni Province April 18, 2015. The Taliban announced the execution of three men accused of murdering a couple during a robbery, saying they had been tried by an Islamic court. The killing was carried out in front of a crowd by Taliban fighters who fired at the men with AK-47s, according to a Reuters witness. Footage seen by Reuters show the men were made to sit on the ground with their eyes blindfolded and their hands tied at the time of their execution. REUTERS/Stringer  - RTR4XU4S

रियासत के अलग-अलग इलाकों में स्थित सैन्य शिविरों पर घाटी में छिपे लगभग 250 आतंकियों का खतरा मंडरा रहा है। कश्मीर हिंसा के कारण सेना और सुरक्षा बलों का सर्च आपरेशन बाधित हुआ और ढाई महीने में आतंकियों ने अपने पैर पसार लिए हैं।

 
उड़ी के बाद बारामुला में फिदायीन हमले ने सैन्य शिविरों पर भावी खतरों की ओर भी इशारा किया है। सेना और सुरक्षा बल अलर्ट पर हैं, लेकिन, घुसपैठ की कोशिशें अब भी तेज हैं।पीओके में सेना के सर्जिकल आपरेशन के बाद एलओसी और बार्डर पर सेना और बीएसएफ की गश्त तेज है।

घुसपैठ की कोशिशों पर सेटेलाइट और ड्रोन से निगरानी की जा रही है। इससे घुसपैठ में कमी आई है। लश्कर-ए तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन घाटी में पहले से मौजूद आतंकियों से हमले को अंजाम दिलवाने की कोशिश कर रहे हैं। 

 

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