EXCLUSIVE: टीम चयन पर अंजुम चोपड़ा का बड़ा बयान, कहा- जेमिमा रोड्रिग्स के साथ हुई नाइंसाफी!
एक साल के लिए स्थगित होने के बाद आखिरकार इस साल चार मार्च से महिला वर्ल्ड कप (ICC Women World Cup) का आयोजन होने वाला है. पिछले वर्ल्ड कप में भारतीय टीम उपविजेता रही थी और इस बार फैंस उनसे पहला आईसीसी खिताब जीतने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. बीसीसीआई ने कुछ समय पहले इस अहम टूर्नामेंट के लिए 15 सदस्यीय टीम का ऐलान किया. टीम की कप्तानी मिताली राज और उपकप्तानी हरमनप्रीत कौर को दी गई है. हालांकि टीम में विस्फोटक बल्लेबाज जेमिमा रोड्रिग्स (Jemimah Rodrigues) के नाम की गैरमौजूदगी से फैंस काफी हैरान हुए थे और सोशल मीडिया पर यह मुद्दा काफी छाया रहा.
जेमिमा ने साल 2018 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे डेब्यू किया था. तबसे लेकर अब तक उन्होंने 21 मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 394 रन बनाए हैं जिसमें तीन अर्धशतक शामिल हैं. वहीं 50 टी20 मैचों में उनके नाम 1055 रन बनाए हैं. जेमिमा हाल ही में बीबीएल खेलकर लौटी थी जहां उन्होंने 13 मैचों में 333 रन बनाए थे. वहां से वापसी के बाद उन्हें आराम दिया गया और वह घरेलू टूर्नामेंट्स में नहीं खेली. गुरुवार को जब टीम का ऐलान हुआ तो फैंस को उम्मीद थी कि जेमिमा का नाम भी शामिल होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
जेमिमा के साथ हुई नाइंसाफी
टीम इंडिया की पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज अंजुम चोपड़ा ने टीवी9 से बातचीत में बताया कि जेमिमा के साथ नाइंसाफी हुई है. दिग्गज स्टार खिलाड़ी ने कहा कि अगर मैनेजमेंट के लिए चयन का असली मापदंड घरेलू क्रिकेट है तो यह बात साफ तरीके से जाहिर करनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा, ‘जेमिमा के साथ थोड़ी सी नाइंसाफी हो गई. दिसंबर में चार टीमें बनाई गई और महिला चैलेंजर्स ट्रॉफी विजयवाड़ा में खेली गई. जेमिमा रोड्रिग्स इस टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं थी. वह बीबीएल खेल कर लौट रही थीं तो उन्हें यह कहकर आराम दिया गया कि आप लगातार क्रिकेट खेल रही हैं. और वाकई में वह लगातार क्रिकेट खेल भी रही थी इंग्लैंड के बाद वह सीधा ऑस्ट्रेलिया चली गई थीं. हालांकि अगर उन्हें मौका दिया जाता तो वह प्रदर्शन करती. वह यकीनन अच्छा खेल दिखाती क्योंकि पिच भी बल्लेबाजी के अनुकूल थी.’
जेमिमा को क्यों नहीं मिला मौका
अंजुम ने आगे कहा की टीम में जेमिमा का बैटिंग ऑर्डर भी तय नहीं जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘साल 2018 में डेब्यू के बाद से जेमिमा वनडे टीम में जगह पक्की नहीं कर पाई है साथ ही उनका बैटिंग ऑर्डर भी तय नहीं है. वह कभी तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आती है कभी ओपन करती है और कभी टीम से ही बाहर होती हैं. कहीं न कहीं शेफाली वर्मा जैसी युवा खिलाड़ी उनके बाद के बावजूद उनसे आगे निकल गई हैं जबकि अभी तक यही तय नहीं कि जेमिमा कहां बल्लेबाजी करेगी. ओपनिंग वह कर नहीं सकती क्योंकि यह जिम्मेदारी शेफाली और मांधना के पास है. तीसरे नंबर पर खुद कप्तान मिताली आती हैं. तो कप्तान टीम मैनेजमेंट को सोचना पड़ेगा. आज जेमिमा है कल कोई और खिलाड़ी हो सकता है जिसकी प्रतिभा का पूरा फायदा टीम नहीं उठा पाएगी क्योंकि उनका बल्लेबाजी का क्रम स्थिर नहीं है. बल्लेबाजी क्रम पक्का होना जरूरी है ताकी युवा बल्लेबाज को पता हो कि उसे क्या करने की जरूरत है.’
जेमिमा को दिया जा सकता था मौका
अंजुम का कहना है कि जेमिमा जैसी खिलाड़ी को बाहर बिठाया नहीं जा सकता. उन्होंने कहा, ‘अगर वर्ल्ड कप टीम सेलेक्शन का मापदंड घरेलू क्रिकेट और वुमेन चैलेंजर्स ट्रॉफी है और जेमिमा को यह पता होता तो वह लीग छोड़कर वापस आ जाती. या फिर वापसी के बाद आराम नहीं करती. हालांकि राधा यादव एक और ऐसी खिलाड़ी है जो बीबीएल खेलकर आईं लेकिन उन्हें वुमेन चैलेंजर्स ट्रॉफी में खेलना का मौका दिया गया. यह बात यह अलग है कि वह टीम में शामिल नहीं है. जेमिमा को भी मौका दिया जा सकता था क्योंकि आप एकदम से किसी खिलाड़ी को साइड नहीं कर सकते. वह भी यह कहकर कि वह किसी एक फॉर्मेट के लिए अनुकूल है दूसरे के लिए नहीं.’ पूर्व भारतीय कप्तान ने आगे कहा, ‘वह मुंबई की खिलाड़ी है. वह अंडर19 टूर्नामेंट में 1000 से ज्यादा रन बनाकर टीम इंडिया में आई. उन्होंने दोहरे शतक लगाए जो कि आसान नहीं है. उन्हें अंदाजा है कि लंबे फॉर्मेट में कैसे रन बनाए जाते हैं. वह युवा खिलाड़ी हैं, उन्हें संभालने की जरूरत है.’