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महंगाई से राहत की उम्मीद, रुपये को मजबूत करने में जुटा आरबीआई, 25 रुपये तक सस्ते होंगे खाद्य तेल

नई दिल्ली : महंगाई पर अंकुश लगाकर उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक की कोशिशों का असर जल्द देखने को मिल सकता है। साथ ही कच्चे तेल के दाम में तेज गिरावट से पेट्रोल-डीजल सस्ता करने में मदद मिल सकती है जिससे उपभक्ताओं को बड़ी राहत मिल सकती है। सरकार ने एक दिन पहले खाद्य तेल कंपनियों को एक हफ्ते के भीतर दाम 10 रुपये प्रति लीटर और घटाने को कहा है। इसके पहले जून में कंपनियों ने 10 से 15 रुपये की कटौती का ऐलान किया था, लेकिन उसका लाभ अभी तक उपभोक्ताओं को नहीं मिला है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि आने वाले हफ्तों में खाद्य तेल के दाम में 25 से 30 रुपये प्रति लीटर की कमी देखने को मिल सकती है।

इस बीच रिजर्व बैंक ने पिछले दिनों विदेशी कोषों की आवक बढ़ाने के लिए विदेशी उधारी की सीमा बढ़ाने और सरकारी प्रतिभूतियों में विदेशी निवेश के मानक उदार बनाने की घोषणा की थी। इस संदर्भ में विशेषज्ञों का कहना है कि बाह्य वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) की सीमा दोगुनी करने समेत आरबीआई के अन्य कदम से देश में विदेशी मुद्रा का प्रवाह बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे रुपये को मजबूती मिलेगी, जिससे आयात सस्ता होगा। वहीं सिटी ग्रुप की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चा तेल इस साल के अंत तक घटकर 65 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकता है। इससे पेट्रोल-डीजल की कीमत घटाने में मदद मिलेगी।

आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने गुरुवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के उठाए गए कदमों से विदेशी संस्थागत निवेशकों का प्रवाह बढ़ेगा और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति मजबूत होगी। इसके साथ ही सेठ ने उम्मीद जताई कि वैश्विक चुनौतियां कुछ समय के बाद कम हो जाएंगी। उनका इशारा रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव की तरफ था। आपूर्ति शृंखला बाधित होने के बीच डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत पिछले कुछ महीनों में 4.1 प्रतिशत तक गिर चुकी है।

आईआईएफल के उपाध्यक्ष अनुज गुप्ता का कहना है कि डॉलर के मुकाबले रुपया के मजबूत होने से आयात सस्ता होगा। भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करता है जिसका ज्यादातर भुगतान डॉलर में किया जाता है। ऐसे में रुपया मजबूत होगा तो कच्चे तेल का आयात सस्ता होगा। इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटाने का मौका मिलेगा। इसके अलावा जरूरी दवाओं का आयात भी सस्ता हो जाएगा।

कच्चा तेल गुरुवार को 100.7 डॉलर प्रति बैरल पर रहा। पिछले एक माह में इसमें 20 डॉलर की गिरावट आई है। सिटी ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक मांग घटने और आपूर्ति बढ़ने से कच्चा तेल इस साल दिसंबर तक 65 डॉलर प्रति बैरल और अगले साल घटकर 45 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकता है। ऐसा होता है तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर असर होगा। तेल सस्ता होने से परिवहन लागत घटेगी जिससे खाने-पीने समेत अन्य उपभोक्ताओं उत्पादों की कीमत घट सकती है।

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