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विदेश मंत्री जयशंकर ने माना कि, चीन-भारत के संबंध ठीक नहीं, बोले- लद्दाख में डटा है ड्रैगन, संबंध है खराब

नई दिल्ली. सुबह की बड़ी खबर के अनुसार, बेंगलुरु (Bangluru) में भारत-चीन (India-China) संबंधों पर अहम बात करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर (S.Jaishankar) ने कहा कि, भारत-चीन संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकेंगे जब तक कि सीमा की स्थिति ठीक नहीं होती। ऐसे में अगर चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति भंग करता है, तो यह संबंधों को और प्रभावित करेगा।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, “सीमा की स्थिति एक बड़ी समस्या बनी हुई है। हमारी सेना पिछली दो सालों से वहां डटी हुई है। यह बहुत तनावपूर्ण स्थिति है। यह खतरनाक हो सकती है, इसलिए हम बातचीत कर रहे हैं।”

दरअसल बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यह भी कहा कि, अगर चीन ने बॉर्डर वाले इलाकों में शांति भंग की, तो इसका असर फिर से दोनों देशों के संबंधों पर पड़ेगा। हालाँकि भारत अपने रुख पर कायम है। अब तक कमांडर स्तर पर हमारी 15 दौर की बातचीत हुई है। वहीं दोनों पक्षों के उन स्थानों से पीछे हटने के बारे में कुछ महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जहां वे बहुत करीब हैं। उन्होंने यह भी कहा कि, अभी भी कुछ जगहें हैं जहां वे पीछे नहीं हटे हैं।

बता दें कि, बीते महीने पैंगोंग झील के पास चीनी सेना के सैन्य अभ्यास का एक वीडियो भी सामने आया था। इस विडियो को देखें तो इसमें चीनी सेना के हेलिकॉप्टर झील के ऊपर उड़ान भर रहे हैं। इससे पहले भी चीन की तरफ से झील के ऊपर पुल बनाने की एक सैटेलाइट इमेज सामने आई थी। कयास हैं कि, चीन यह निर्माण इसलिए कर रहा है कि पैंगोंग झील पर भविष्य में भारत के साथ तकरार हो तो उसे एक रणनीतिक बढ़त मिल सके।

हालाँकि चीन-भारत में 15 से ज्यादा दौर की शांति वार्ता हो चुकी है। मगर, अभी तक इन दोनों के बीच सुलह नहीं हो सकी है। वहीं अब भी पैंगोंग त्सो झील का एक भाग तिब्बत और एक भाग लद्दाख में है। आज भी सीमा के दोनों ओर करीब 50 हजार से 60 हजार सैनिक जमा हैं।

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