देहरादून: बीएएमएस की फर्जी डिग्रियां बेचकर भारतीय चिकित्सा परिषद,उत्तराखंड में पंजीकरण कराने का मुख्य सूत्रधार इम्लाख खान के ठिकाने से यूक्रेन की फर्जी एमबीबीएस डिग्री भी मिली है। मंगलवार को डीआईजी देहरादून दलीप सिंह कुंवर ने यह खुलासा किया। एसटीएफ ने आरोपी इम्लाख खान निवासी शेरपुर,मुजफ्फरनगर को दो फरवरी को राजस्थान से गिरफ्तार किया था। इम्लाख मुजफ्फरनगर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर है। उसने अपने भाई इमरान के साथ बरला क्षेत्र में बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज नाम से मेडिकल कॉलेज खोला हुआ है।
डीआईजी के अनुसार, इम्लाख खान को तीन दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई। इस दौरान उसकी निशानदेही पर मिनिस्ट्री ऑफ पब्लिक हेल्थ ऑफ यूक्रेन का फर्जी एमबीबीएस सर्टिफिकेट मिला। एन. सिंह के नाम पर यूक्रेन के संस्थान से जारी एमबीबीएस की डिग्री फर्जी बताई गई है। यह भी सामने आया कि आरोपी ने चीन की यूनिवर्सिटी की भी फर्जी डिग्रियां बनाने की कोशिश की। इसके साथ ही दिल्ली, बिहार, यूपी, राजस्थान और कर्नाटक के कई शिक्षण संस्थानों के भी फर्जी सर्टिफिकेट मिले। उसके कॉलेज से फर्जी डिग्रियों के साथ लेटर पैड व 51 फर्जी मुहरें भी बरामद हुईं।
बीएएमएस की फर्जी डिग्री खरीदने वाले दसवें आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपी राजेंद्र प्रसाद उनियाल टिहरी के चंबा में मजगांव का रहने वाला है। वह टिहरी के सत्यों में क्लीनिक चला रहा था। आरोपी ने वर्ष 2017 में छह लाख रुपये में इम्लाख से बीएएमएस की फर्जी डिग्री खरीदी थी। राजेंद्र प्रसाद, अनुराग नौटियाल के जरिए इम्लाख के संपर्क में आया था। आरोपी ने अपने भाई के साथ कॉलेज खोला है। कॉलेज का नाम बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज है। पुलिस ने बताया कि इम्लाख के ठिकाने से दूसरे राज्यों के संस्थानों के भी सर्टिफिकेट मिले हैं।