दस्तक-विशेष

शहीदों के परिजनों को मिलेंगे अब 50 लाख

गोपाल सिंह पोखरिया

कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सैनिक पुत्र होने का फर्ज अदा किया। देहरादून में स्थित गांधी पार्क में कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने बलिदानी सैनिकों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह अनुदान राशि में पांच गुना बढ़ोतरी की घोषणा की। इस राशि में पत्नी के साथ ही बलिदानी के माता-पिता का भी हिस्सा होगा। इसके अलावा बलिदानी सैनिकों के आश्रितों की नौकरी के लिए भी विकल्प बढ़ाए जा रहे हैं। अब कलेक्ट्रेट के अलावा उन्हें अन्य विभागों में भी नौकरी का अवसर मिलेगा। नौकरी के लिए आवेदन की सीमा को भी दो साल से बढ़ाकर पांच साल करने की मुख्यमंत्री ने घोषणा की।

दरअसल, हाल ही में उत्तर प्रदेश के लखनऊ के शहीद अंशुमान के पारिवारिक झगड़े ने देशभर में शहीद परिवार को मिलने वाली वित्तीय सहायता को लेकर बहस छेड़ दी है। मामला तब उठा जब शहीद कैप्टन अंशुमान के माता-पिता ने मीडिया के सामने आकर बहू पर सरकार की ओर से दी गई सहायता राशि ले जाने और उन्हें कोई भी हिस्सा दिए बगैर घर छोड़ देने का आरोप लगाया। इस बहस पर संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड सरकार ने बड़ी कवायद शुरू कर दी। अब सरकार ने कारगिल विजय दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ने बड़ा ऐलान भी कर दिया है। इस प्रकार का निर्णय लेने वाली उत्तराखंड की पहली सरकार है, जिसने शहीद के परिजनों का भी दुख-दर्द समझा है। मुख्यमंत्री ने कारगिल विजय दिवस के मौके पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ ही उनके परिजनों व वीरता पदक से अलंकृत सैनिकों को सम्मानित किया। उन्होंने बलिदानियों की माताओं व वीरांगनाओं के पैर भी छुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि करगिल की विजय गाथा, उत्तराखंड के वीरों के बिना अधूरी है। अपने 75 सपूतों का बलिदान यह वीरभूमि कभी नहीं भुलाएगी।

धामी ने कहा कि सैनिक पुत्र होने के नाते मैंने बचपन से ही एक सैनिक और उसके परिवार के संघर्ष को देखा है। इस दौरान उन्होंने बलिदानी सैनिकों के आश्रितों के हित में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की। बलिदानी सैनिकों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह अनुदान राशि को दस लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने की घोषणा उन्होंने की। इसमें पत्नी के साथ ही बलिदानी के माता-पिता को भी हक देने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक शहीद होने का प्रमाण पत्र मिलने के दो साल के भीतर राजकीय सेवा के लिए आवेदन करना होता था। इस अवधि को बढ़ाकर पांच साल किया जा रहा है। बलिदानियों के आश्रितों को अब कलेक्ट्रेट में समूह ‘ग’ और समूह ‘घ’ के अलावा अन्य विभागों में भी समूह ‘ग’ और समूह ‘घ’ के पदों पर नियुक्ति प्रदान की जाएगी। वहीं सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों का आकस्मिक अवकाश 14 दिन से बढ़ाकर उपनल की भांति 30 दिन किया जा रहा है। सीएम ने कहा कि राज्य में अग्निवीरों को सरकारी सेवाओं में आरक्षण का प्रविधान किया जाएगा।

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