बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनाने को सही नहीं मानते हों, लेकिन उनकी सरकार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सचेत नजर आ रही है। बिहार सरकार ने राज्य में प्रत्येक महीने के 21 तारीख को परिवार नियोजन दिवस मनाने की घोषणा की है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि परिवार नियोजन सेवाओं को सुलभ बनाने के उद्देश्य से प्रत्येक महीने की 21 तारीख को परिवार नियोजन दिवस मनाया जाएगा।
उन्होंने कहा, इससे अनचाहे गर्भ के मामले, मातृत्व मृत्यु दर, नवजात मृत्यु दर व प्रसव संबंधी जटिलता के मामलों में कमी लायी जा सकती है। आम लोगों तक नियोजन सेवाओं की आसान पहुंच से असुरक्षित गर्भपात के मामलों में कमी आएगी। मातृत्व व शिशु मृत्यु दर में गिरावट, एचआईवी संक्रमण से बचाव, महिला सशक्तीकरण के साथ-साथ सामाजिक व आर्थिक विकास को तेज किया जा सकता है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी बताते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सरकार लोगों को शिक्षित जागरूक करने पर जोर देने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को परिवार नियोजन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन दिवस के दिन अगर कोई दंपति परिवार नियोजन का विकल्प चुनता है तो उन्हें इससे जुड़ी सभी सुविधाएं सरकार की ओर से मुफ्त दी जाएंगी। आयोजन के अंतर्गत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत प्रत्येक महीने की नौ तारीख को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की काउंसलिग की भी व्यवस्था की जा रही है। परिवार नियोजन दिवस को लेकर सभी जिलों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
मंत्री पांडेय ने बताया कि चिकित्सा संस्थानों पर आयोजित होने वाले परिवार नियोजन दिवस का क्षेत्र में व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाएगा, जिससे लोगों को इसकी जानकारी हो सके। उन्होंने कहा कि इसकी सफलता को लेकर हर स्तर पर अनुश्रवण व मूल्याकंन का इंतजाम सुनिश्चित कराया जाएगा।