सोनीपत: केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में शुरू हुए किसान संगठनों के आंदोलन को 9 महीने पूरे हो गए हैं। किसान संगठनों की अब तक सरकार के साथ कई दौर की वार्ता हो चुकी है, हालांकि बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है। किसानों संगठन चाहते हैं कि, सरकार कानूनों को रद्द कर दे, उधर कह रही है किसान संगठन कानूनों में खामियां गिनाएं, लेकिन कानून वापस नहीं लिए जाएंगे। किसानों के अगुआ बार-बार सरकार को चेतावनी दे रहे हैं, लेकिन सरकार के प्रतिनिधि कह रहे हैं कि किसान संगठन बैठकर बात करें और किसी नतीजे पर पहुंचें।
आज संयुक्त किसान मोर्चे ने घोषणा की कि, आगामी 25 सितंबर को भारत बंद करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत बोले कि, सभी किसान भाई आंदोलन के लीडर हैं। हम पीछे नहीं हटेंगे। वहीं, हरियाणा के किसान नेता चढू़नी ने कहा कि, मेरी विचाराधारा अलग है और मैं चाहता हूं कि सभी प्रदर्शनकारी दिल्ली घेरने का प्रोग्राम बनाएं। बता दिया जाए कि, अखिल भारतीय सम्मेलन में बड़े नेता पहुंचे। जहां उन्होंने कहा कि, तीनों कृषि कानूनों से कॉर्पोरेट हाउस आबाद व किसान बर्बाद होंगे। ऐसे में इन कानूनों को हटवा देना चाहिए। कुंडली बॉर्डर पर किसान आंदोलन को 9 महीने पूरे हो गए हैं।