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महाराष्ट्र: नासिक के किसानों की मोदी सरकार से मांग- या तो प्याज के सहीं दाम दिलाओ या करने दो ‘सुसाइड’

नई दिल्ली/नासिक. जहां एक तरफ महाराष्ट्र का किसान, प्याज की फसल (Onion Price) की लागत निकालने में ही ‘हलकान’ हुआ जा रहा है। वहीं अब यहां के नासिक (Nasik) जिले के किसानों ने मोदी सरकार (Modi Goverment) से उन्हें आत्महत्या करने की भी अनुमति देने की मांग की है। दरअसल राज्य में प्याज की कम मिलती कीमतों के चलते उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

इस बाबत अब नासिक के किसानों ने प्याज की कम कीमतों के कारण कठिनाइयों का सामना करने की शिकायत की और आरोप लगाया कि उनके लिए अपनी उपज बेचने के बाद प्याज उगाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लागत राशि की वसूली करना भी मुश्किल हो गया है।

दरअसल प्रदेश के ज्यादातर मंडियों में किसानों को प्याज का रेट बेहद कम मिलता दिख रहा है।किसानों का कहना है कि बीते एक साल से हम किसानों को प्याज का उचित दाम नहीं मिल रहा हैं। जानकारी हो कि महाराष्ट्र के नासिक जिले में सबसे ज्यादा प्याज की खेती होती हैं और देश में सबसे ज्यादा प्याज की सप्लाई यहां से ही की जाती है और यहां के किसान को ही इस प्याज़ का सही दाम नहीं मिल पता हैं।

गौरतलब है कि, इस साल महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में भी प्याज की बंपर पैदावार देखने को मिली है। जिससे दूसरे राज्यों में महाराष्ट्र के प्याज की मांग अब पहले की अपेक्षा कम हो गई है। इसलिए महाराष्ट्र के किसानों को इस बार पिछले साल से भी कम दाम मिल रहा है।

अब तो यहां हालात ये हैं कि कहीं 1 तो कहीं 2 रुपये/किलो के रेट पर किसानों को प्याज बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। जो लागत से बहुत ही कम है। प्याज़ उत्पादक संगठन के अनुसार उनकी लागत ही औसतन 20 रुपये/किलो तक पहुंच गई है। वहीं मामले पर व्यापारियों का कहना हैं कि वर्तमान में प्याज़ की उत्पादन में काफी बढ़ोतरी आई है। इस समय मंडियों में आवक अधिक पहुंच रही हैं।

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