उप्र में यूरिया की अनुपलब्धता के कारण खेती के सामने संकट : अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी के तथाकथित निर्देशों के बाद भी हर क्षेत्र में स्थितियां अनियंत्रित
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तथाकथित निर्देशों के बाद भी उत्तर प्रदेश के हर क्षेत्र में स्थितियां अनियंत्रित हैं। सरकारी नीतियों का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव किसानों और खेती पर पड़ा है। यूरिया की अनुपलब्धता के कारण खेती के सामने संकट है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार में संकट के समाधान की जगह उसका विस्तार ही दिखाई दे रहा है। खरीफ की फसल खाद के बगैर बर्बाद होने के कगार पर है। राज्य सरकार खाद के कालाबाजारियों पर सख्ती से हिचक रही है क्योंकि इनमें भाजपा के लोग भी शामिल है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि सरकारी ढिलाई का फायदा उठाते हुए बाजार में यूरिया खाद, जिसकी निर्धारित कीमत 266 रुपये प्रति बोरी है, 400 रुपये से लेकर 800 रुपये तक में बिक रही है। साधन सहकारी समितियों के गोदाम खाली बताए जा रहे हैं। ब्लैक करने वालों ने अपने नौकरों, घरवालों और दूसरे फर्जी नामों पर खाद की बिक्री दिखाकर माल हड़प लिया है। इस तरह हजारों कुंतल खाद अवैध ढंग से बाजार से गायब कर दी गई है। परेशान हाल किसान भटक रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कृषि विभाग मामले में लीपापोती कर रहा है तो मुख्यमंत्री लम्बी-चौड़ी घोषणा करने के बाद पलट कर नहीं देखते कि उनके अधिकारी गम्भीरता से उन्हें ले भी रहें या नहीं। किसान की चिंता है कि अगर उसे जल्दी ही यूरिया खाद नहीं मिली तो उसके धान की फसल बर्बाद हो जाएगी। खाद के बगैर फसल के दाने कमजोर होंगे और पैदावार भी कम होगी। तब किसान के सामने आर्थिक संकट भी उत्पन्न हो जाएगा। उसके कर्ज की अदाएगी भी नहीं हो पाएगी। इसीलिए वह खाद की खरीद के लिए कई कोस चलकर भी सुबह-सुबह 5-6 बजे ही साधन सहकारी समिति के सामने पहुंच जाता है और घंटो लाइन में लगे होने के बावजूद भी उसे निराशा ही हाथ लगती है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि यह भाजपा राज की विशेषता है कि वह हर किसी को लाइन में जरूर लगा देता है। लाइन में घंटो खड़े होकर भी कुछ न हासिल होना लोगों की नियति बन गई है।