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भारत में तेजी से बढ़ रहे उद्योग, लॉजिस्टिक और इंडस्ट्रियल स्पेस की बढ़ी मांग

नई दिल्ली : मंगलवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लॉजिस्टिक्स और इंडस्ट्रियल रियल एस्टेट स्पेस में वार्षिक लीजिंग वॉल्यूम लगातार तीसरे वर्ष 50 मिलियन स्कायर फीट (एमएसएफ) से अधिक होने की संभावना है। कुशमैन एंड वेकफील्ड की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल अक्टूबर तक पहले ही टॉप आठ रियल एस्टेट बाजारों में लीजिंग वॉल्यूम 41 मिलियन स्कायर फीट को पार कर चुका था। जब से सरकार ने 2020 में उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की है, तब से इंडस्ट्रियल लीजिंग वॉल्यूम में वृद्धि देखी गई है।

इसके अलावा, रिटेल और ई-कॉमर्स की वजह से भी वेयरहाउसिंग सेक्टर में तीव्र गतिविधि को बढ़ावा मिला है। रिपोर्ट के अनुसार, “2025 के लिए, हाल के वर्षों में देखी गई मजबूत इंडस्ट्रियल एक्टिविटी के साथ खपत के आधार पर विस्तार देखा जा रहा है। इस विस्तार के साथ मांग का एक नया सामान्य स्तर बने रहने की संभावना है।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग फर्मों द्वारा अपनाई गई चीन+1 रणनीति का भी लाभार्थी है। इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेज वृद्धि, थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स ऑपरेटर्स की मजबूती और रिटेल इंडस्ट्री लॉजिस्टिक और इंडस्ट्रियल स्पेस की मांग को बढ़ा रहे हैं। ये कारक 2025 के लिए भी मांग बढ़ाने में अहम होंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुणे, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे शहरों में हाल के वर्षों में अच्छी लीजिंग वॉल्यूम देखी गई है, जबकि दूसरे शहरों में पॉजिटिव आउटलुक दिखाई देता है।

कुशमैन एंड वेकफील्ड के लॉजिस्टिक्स और इंडस्ट्रियल और अहमदाबाद के प्रबंध निदेशक अभिषेक भूटानी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि 2025 में लॉजिस्टिक्स और इंडस्ट्रियल स्पेस की मांग मजबूत रहेगी, जिसे भारत के बढ़ते खुदरा उपभोग आधार और निरंतर मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ का सपोर्ट मिलेगा।”

इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि अगले 2-3 वर्षों में बाजार में 25 मिलियन वर्ग फीट ग्रेड-ए वेयरहाउसिंग सप्लाई आएगी, जो मुंबई, पुणे, चेन्नई और बेंगलुरु में प्रमुख परियोजनाओं के साथ पश्चिम और दक्षिण भारत में केंद्रित होगी।”

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