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FDI नियमों में बदलाव का आकलन कर रही है ऐमजॉन

दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन ने कहा है कि वह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के बदले नियमों का आकलन कर रही है। कंपनी का कहना है कि उसके ग्राहकों को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े, इसलिए वह नए नियमों के आकलन का काम कर रही है।

  • ई-कॉमर्स के लिए एफडीआई के नए नियम एक फरवरी से हुआ लागू
  • हिस्सेदारी वाली कंपनियों के माल नहीं बेच सकेंगे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म
  • ऐमजॉन के प्लेटफॉर्म से क्लाउडटेल और अपारियो ने बिजनस समेटा
  • कंपनी ने कहा कि वह नए नियमों को लेकर स्थिति का कर रहा आकलन

नई दिल्ली : अमेरिका की ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन ने कहा है कि उसे भारतीय बाजार में दीर्घावधि में काफी अच्छी संभावनाएं नजर आ रही हैं, लेकिन वह ऑनलाइन मार्केट प्लेस के लिए हालिया प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों में बदलाव का आकलन कर रही है। कंपनी ने कहा कि उसके प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों और विक्रेताओं को ‘किसी तरह के अवांछित परिणामों’ का सामना नहीं करना पड़े, इसलिए वह ऐसा कदम उठा रही है। इससे पहले ई-कॉमर्स ने सरकार से एफडीआई के नए नियमों को छह महीने बाद लागू करने की मांग की थी। ऐमजॉन ने भारत में पांच अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।

कंपनी ने कहा कि उसने अपने कारोबार का निर्माण मूल्य चयन और सुविधा के इर्द-गिर्द किया है। ऐमजॉन के मुख्य वित्त अधिकारी ब्रायन ओलसवास्की ने निवेशक कॉल के जरिये कहा, ‘इस बात को लेकर अनिश्चितता बनी है कि नियमों में बदलाव का ई-कॉमर्स क्षेत्र पर क्या प्रभाव होगा। हम सभी कानूनों और नियमनों का अनुपालन करने को प्रतिबद्ध हैं, लेकिन हम स्थिति का आकलन कर रहे हैं।’ नए नियम एक फरवरी से प्रभाव में आए हैं। इनके तहत विदेशी निवेश वाली ई-कॉमर्स कंपनियों पर उन विक्रेताओं के उत्पादों की बिक्री पर रोक है, जिनमें उनकी हिस्सेदारी है। इसके अलावा, विशिष्ट विपणन करार पर भी रोक होगी। क्लाउडटेल और अपारियो के उत्पाद ऐमजॉन.इन के प्लेटफॉर्म से हटा लिए गए हैं, क्योंकि इनमें ऐमजॉन का इक्विटी निवेश है।

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