दिल्ली में आवारा कुत्तों का खौफ, वसंत कुंज के एक मजदूर को बुरी तरह से काटा
नई दिल्ली: दिल्ली की पॉश कॉलोनी वसंत कुंज के सरस्वती नर्मदा अपार्टमेंट में अवारा कुत्ते द्वारा डी डी ए कांट्रेक्टर के एक मजदूर को बुरी तरह काटे जाने से कॉलोनी के रेसिडेंट्स सहमे से हैं। पिछले कुछ दिनों से इस कॉलोनी में पेंट के काम के लिए आये इस मज़दूर को आर डब्ल्यू ए कार्यालय के सामने पीछे से तब काट लिया गया, जब वह पेंट सामग्री लेन जा रहा था। इस मजदूर का कहना है की कुत्ता पीछे से काटने के बाद तेजी से वापिस भाग गया।
अनेक निवासियों को काट चूका है यह कुत्ता
उसका यह कहना हैकि, उसने कभी इस कुत्ते को नहीं डांटा था और न ही कभी कुत्ते को डिस्टर्ब किया था बल्कि उसने उस कुत्ते को पहली बार ही देखा है। लेकिन स्थानीय निवासियों का कहना हैकि इस कॉलोनी के अनेक निवासियों को यह कुत्ता काट चूका है तथा रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को इस कुत्ते के काटने की आदतों को भली भांति पता है लेकिन रेसिडेंट्स की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन चुप्पी साध लेती है।
सीनियर सिटीजन्स और स्कूली बच्चे पूरी तरह भयभीत
रेसिडेंट्स का कहना की एस -1 टावर में रहने वाली एक महिला इन कुत्तों को लिफ्ट के नज़दीक तथा आवासीय क्षेत्र के बीचों बीच रात को नियमित रूप से खाना खिलाती है जिससे आवासीय क्षेत्र में इन कुत्तों का जमाबड़ा हो जाता है। खाना खिलाने के साथ ही एनजीओ से जुड़ी यह महिला आवासीय क्षेत्र के बीचों बीच कुत्तों को धूप सेकने के लिए गद्दे आदि डाल देती है, जिससे कुत्ते पूरा दिन आवासीय क्षेत्र में लेटे रहते हैं, लेकिन रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन इस पर भी आंखें मूंद लेती है और कुत्ते आने जाने वालों पर नियमित रूप से भौंकते हैं, जिससे सीनियर सिटीजन्स और स्कूली बच्चे पूरी तरह भयभीत रहते हैं।
कोई समाधान नहीं निकला
यह कुत्ते अपनी मर्ज़ी से रेसिडेंट्स, गेस्ट्स को काटते हैं और अनेकों प्रयासों के बावजूद अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकला है। सरस्वती टावर में रहने वाली सुकन्या का कहना हैकि रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन कुत्तों को फीड करने वाली महिला से खौफ खाती है और अनेकों शिकायतों को अनदेखा कर देती है। एस -5 में रहने वाले सेना के एक सेवा निवृत अधिकारी का कहना है की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन महज पी आर इवेंट्स और दिखावा मात्र की गतिविधियां ही करती है, जिसकी वजह से कॉलोनी स्लम बनती जा रही है।
सफाई के नाम पर 300 रूपये प्रति माह इकठा करती एसोसिएशन
एस -7 में रहने वाली सुधा का कहना है की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन सफाई के नाम पर 300 रूपये प्रति माह इकठा करती है जोकि देश भर में सबसे महंगा चार्ज है लेकिन इसके बावजूद सफाई नाम की चीज़ देखने में नहीं मिलती। उसका कहना है की जब पूरी कॉलोनी में आबारा कुत्ते फ्लैट्स के सामने टट्टी, पेशाव करते हैं तो इस सफाई का किसको फायदा है।
एसोसिएशन के पदाधिकारी ने रखा अपना पक्ष
उधर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के एक पदाधिकारी का कहना हैकि रेसिडेंट्स किसी भी मुद्दे पर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के पास मुंह उठा कर आ जाते हैं तथा नाम मात्र की फीस देकर बेवजह रौब झाड़ना शुरू कर देते हैं। उनका कहना हैकि रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन मात्र सफाई, पानी की आपूर्ति आदि मुद्दों पर ही कार्रवाई कर सकती है और रेसिडेंट्स को अपनी सुरक्षा खुद करनी चाहिए। उसका कहना हैकि रेसिडेंट्स अपना कर्तव्य नहीं करते और दिन भर व्हाट्सप्प /सोशल मीडिया पर आर डब्ल्यू ए को कोश कर अपनी खीज उतारते हैं।