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वैगनर ग्रुप प्रमुख के बढ़ते प्रभाव से घबराए पुतिन! यूक्रेन से अपने टॉप कमांडर को हटाया

मॉस्को : रूस यूक्रेन युद्ध को छिड़े करीब एक साल होने वाला है लेकिन रूस को यूक्रेन में आशा के अनुरूप सफलता नहीं मिल पाई है। यही वजह है कि रूस में ही रूसी नेतृत्व को लेकर सवाल उठ रहे हैं। रूस के भाड़े के सैनिकों के समूह वैगनर ग्रुप के संस्थापक येवगेनी प्रिगोझिन यूक्रेन युद्ध के दौरान काफी ताकतवर होकर उभरे हैं।

अब ऐसा लग रहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शायद येवगेनी प्रिगोझिन के बढ़ते प्रभाव से दबाव में हैं। साथ ही रूस में सत्ता को लेकर गुटबाजी भी तेज होने के कयास लगाए जा रहे हैं। पुतिन के हालिया फैसले से भी इन कयासों को बल मिल रहा है। दरअसल व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में अपने टॉप कमांडर सर्गेई सुरोविकिन को पद से हटा दिया है।

यूक्रेन के ऊर्जा क्षेत्र पर अक्टूबर में हुए भारी हमलों के पीछे भी सुरोविकिन का हाथ था। हालांकि उन्हीं के नेतृत्व में रूस को खेरसान से पीछे हटना पड़ा था। कई रक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि यूक्रेन में रूस के टॉप कमांडर के रूप में सर्गेई सुरोविकिन की ताकत काफी बढ़ गई थी।

सर्गेई इतना ताकतवर हो गए थे कि वह रक्षा मंत्रालय और रूसी सेना के जनरल को दरकिनार कर सीधे राष्ट्रपति पुतिन से बात कर रहे थे। ऐसे में माना जा रहा है कि सर्गेई को पद से हटाने के पीछे उनके नेतृत्व में यूक्रेन में आशातीत सफलता ना मिलने के साथ ही रूस की सत्ता में उनका ताकतवर होकर उभरना भी एक बड़ी वजह रही।

सर्गेई सुरोविकिन की जगह जनरल गेरासिमोव को यूक्रेन कब्जाने की जिम्मेदारी दी गई है। यह बदलाव ऐसे समय में देखने को मिला है, जब रूस ने यूक्रेन के नमक की खदानों वाले शहर सोलेदार पर कब्जा करने का दावा किया है। खास बात ये है कि बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, रूस के भाड़े के सैनिकों के संगठन वैगनर ग्रुप प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने सोलेदार की जीत के बाद दावा किया है कि सोलेदार पर कब्जा करने में सिर्फ उनके वैगनर ग्रुप की भूमिका है।

जिसके बाद रूस के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर येवगेनी प्रिगोझिन के उस दावे को खारिज कर दिया कि सोलेदार पर कब्जे में सिर्फ वैगनर ग्रुप की भूमिका है। इस पूरे घटनाक्रम के बीच ही रूस द्वारा यूक्रेन में रूसी सेना के टॉप कमांडर सर्गेई सुरोविकिन को हटाने की खबर सामने आई है। व्लादिमीर पुतिन के रसोइए के रूप में पहचान रखने वाले येवगेनी प्रिगोझिन को रूस की सत्ता का अगला दावेदार माना जा रहा है। हाल के सालों में वह बेहद ताकतवर होकर उभरे हैं। येवगेनी प्रिगोझिन की बढ़ती ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यूक्रेन युद्ध को लेकर वह रूसी नेतृत्व पर ही सवाल उठा रहे हैं।

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