वॉशिंगटन: कानून क्षेत्र में महिलाओं को मिलने वाले अवसर को लेकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि कानून के क्षेत्र में सामंतवाद है और महिलाओं के लिए अच्छा माहौल नहीं है। वह हारवर्ड लॉ स्कूल में ग्लोबल लीडरशिप अवॉर्ड लेने के लिए गए थे। इस दौरान हुई बातचीत में सीजेआई ने ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा, दुर्भाग्यपूर्ण है कि कानून का क्षेत्र सामंतवादी हो गया है औऱ यहां महिलाओं और वंचित समुदायों से आने वाले लोगों का स्वागत नहीं किया जाता। सेंटर ऑफ हार्वर्ड के डायरेक्टर डेविड बी विलिकंस के साथ उन्होंने बातचीत की। बता दें कि सीजेआई चंद्रचूड़ हार्वर्ड लॉ स्कूल के एलुम्नस हैं और उन्होंने यहीं से जुरिडिशियल साइंस में डॉक्ट्रेट की डिग्री हासिल की है।
उन्होंने कहा, अकसर हमसे पूछा जाता है कि सुप्रीम कोर्ट में महिला जजों की संख्या इतनी कम क्यों है। इसका जवाब तीन दशक पहले के प्रोफेशन में छिपा हुआ है। यानी सुप्रीम कोर्ट में आने वाले जज तीन दशक पहले के पूल से हैं। कानूनी क्षेत्र में फंडामेंडल वैल्यूज में बदलवा की बात करते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में अगर बदलाव लाना है तो कानून की शिक्षा देने वाले संस्थानों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
उन्होंने कहा, ‘बहुत सारे लोग जो कानून के क्षेत्र में आते हैं उनका कोई लॉ फैमिली बैकग्राउंड नहीं होता है। उनका सहयोग करना होगा। अगर कानून की शिक्षा देने वाले संस्थान लोकतांत्रिक रूप से शिक्षा देंगे तो माहौल बदलने में बड़ा योगदान दे सकते हैं।’