वित्त मंत्री देवड़ा ने पेश किया मोहन सरकार का अंतरिम बजट
भोपाल : मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार का पहला अंतरिम बजट (लेखानुदान) वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने पेश किया। इस फाइनेंशियल ईयर (2024-25) के पहले चार महीनों के लिए यह बजट करीब एक लाख करोड़ का है।
लेखानुदान के माध्यम से विभागों को अप्रैल से जुलाई 2024 तक विभिन्न योजनाओं में राशि व्यय करने के लिए आवंटित की गई है। कुल एक लाख 45 हजार करोड रुपये का लेखानुदान पेश किया गया है। लेखानुदान में करारोपण संबंधी नए प्रस्ताव तथा व्यय के नए मद सम्मिलित नहीं हैं। इसमें द्वितीय अनुपूरक अनुमान में शामिल नई योजनाओं के लिए प्रविधान किए गए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि लेखानुदान द्वारा प्राप्त राशि चार माह बाद पेश होने वाले मुख्य बजट में शामिल की जाएगी।
इस लेखानुदान में औद्योगिक केंद्रों के विकास, स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने संशोधित नीति के अनुरूप अनुदान देने, सड़क नेटवर्क मजबूत करने, एक्सप्रेस-वे निर्माण को गति देने के लिए भी धनराशि का प्रविधान किया गया है।
2024-25 के बजट अनुमान में आय व खर्च
- कुल राजस्व प्राप्तियां ₹2,52,268.03 करोड़
- राज्य कर से राजस्व प्राप्तियाँ ₹ 96,553.30 करोड़
- गैर कर राजस्व प्राप्तियाँ₹18,077.33 करोड़
- राजस्व व्यय₹2,51,825.13 करोड़
- पुनरीक्षित अनुमान में राजस्व व्यय₹2,31, 112.34 करोड़
- बजट अनुमान में राजस्व आधिक्य ₹442.90 करोड़
- कुल पूंजीगत प्राप्तियां का बजट अनुमान ₹ 59,718.64 करोड़
- कुल पूंजीगत परिव्यय का बजट अनुमान ₹ 59,342.48 करोड़
मोदी की गारंटी पर काम- जगदीश देवड़ा
इससे पहले वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने सोमवार सुबह पत्रकारों से चर्चा में कहा कि मप्र सरकार मोदी की गारंटी पर काम कर रही है। अभी चार माह के लिए अंतरिम बजट ला रहे हैं, लिहाजा कोई नई योजना फिलहाल नहीं लाई जा रही है। अंतरिम बजट सभी वर्गों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। सरकार आम चुनाव के बाद जुलाई में पूर्ण बजट प्रस्तुत करेगी।
विधानसभा पहुंचे नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि मोदी की गारंटी पूरी नहीं हो रही है। जमीन पर कुछ बदलाव दिखे, तब तो हम मानेंगे कि गारंटी पूरी हो रही है। घोषणाएं पूरी होती नजर नहीं आ रही है। विपक्ष के उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि जब 2023-24 का 58% बजट ही खर्च हुआ है, 42 प्रतिशत बजट बकाया है तो मप्र के ऊपर नया कर्जा क्यों लादना चाह रही है? हम इस लेखानुदान का समर्थन नहीं कर सकते।
कांग्रेस नेताओं को आयकर विभाग के नोटिस को लेकर उमंग सिंघार ने कहा कि पांच साल पहले के जवाब आज क्यों मांगे जा रहे हैं। चुनाव आ गए हैं, तो दबाव बनाने की राजनीति हो रही है। पांच साल में जवाब क्यों नहीं मांगे। यह सीधे-सीधे आइटी विभाग के माध्यम से भाजपा सरकार की कांग्रेस के नेताओं को ब्लैकमेल करने की राजनीति है।
विधानसभा का प्रश्नकाल खत्म होते ही ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई। इस दौरान श्योपुर जिले के विजयपुर गांव में किसानों के खिलाफ बिजली चोरी के प्रकरणों का मुद्दा विधायक रामनिवास रावत ने उठाया। कांग्रेस विधायक ने आरोप लगाया कि किसानों के खिलाफ फर्जी तरीके से केस बनाए जा रहे हैं। इस पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने कहा कि किसी भी किसान के खिलाफ फर्जी चालान नहीं बनाया गया है। इस बात पर रावत भड़क गए। उन्होंने कहा कि मेरे साथ चलकर जांच करा लीजिए। यदि मैं गलत हुआ तो सदन से त्यागपत्र दे दूंगा। किसान ने जेवर गिरवी रखकर बीस हजार रुपये का भुगतान किया। इस पर मंत्री ने कहा कि वह भी तेज आवाज में जवाब दे सकते हैं। अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बिजली प्रकरण संबंधी आरोप गंभीर है। मंत्री अधिकारियों से रिपोर्ट तलब करेंगे। इस क्षेत्र में औचक निरीक्षण भी करेंगे। जरूरी हुआ तो विधायक को भी साथ ले जाएंगे। तोमर के हस्तक्षेप के बाद ही दोनों के बीच गहमागहमी कुछ शांत हो सकी।
बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा से कांग्रेस विधायक संजय उईके ने अपने क्षेत्र में डॉक्टरों की कमी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बैहर सिविल हॉस्पिटल में डॉक्टरों की कमी है। इस वजह से मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पाता। मेडिकल स्टाफ भी अपर्याप्त है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि विभाग जल्द ही डॉक्टरों की कमी दूर करेगा। इसके लिए पहले ही पीएससी को एक हजार डॉक्टरों की भर्ती करने को बोला गया है। आवश्यकतानुसार और भी डॉक्टरों की भर्ती की जाएगी। पूरे प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है।
मध्य प्रदेश के करीब 50 नेताओं को नोटिस मिलने की खबर है। सभी नेताओं को 13 से 21 फरवरी के बीच दिल्ली तलब किया गया है। पिछले सात साल के लेन-देन को लेकर नोटिस जारी किया गया है। इस पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि आज यह जानकारी क्यों मांगी जा रही है? पांच साल पहले यह जानकारी क्यों नहीं मांगी गई। यह दबाव बनाने की राजनीति हो रही है। कांग्रेस के नेताओं को सरकार ब्लैकमेल कर रही है। कांग्रेस विधायक नितेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि भाजपा कितने भी नोटिस जारी कर लें, कांग्रेस का कार्यकर्ता डरने वाला नहीं है। दबाव बनाने के लिए यह राजनीति की जा रही है।
कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने कहा कि कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया का बयान रविवार को हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से झाबुआ में पानी पीने का आग्रह किया था। शाम तक नोटिस आ गए। जब चुनाव आते हैं, तभी समन क्यों याद आते हैं? केंद्र सरकार सभी संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है। मध्य प्रदेश में बड़ी-बड़ी बातें की और शाम को आदिवासियों को पीटने का वीडियो सामने आ गया। हम महात्मा गांधी के लोग हैं। पीछे नहीं हटेंगे। जवाब देंगे। मुझे 21 फरवरी को बुलाया है, मैं जवाब दूंगा।
भाजपा ने इस पर पलटवार किया है। भाजपा विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को नोटिस का जवाब देना चाहिए। नोटिस राजनीतिक द्वेष से नहीं दिए जाते। वहीं, हरदीप सिंह डंग ने कहा कि नोटिस का जवाब सबको देना ही चाहिए। कांग्रेस को आरोप लगाने और भड़काने के अलावा कोई काम नहीं आता है। मध्य प्रदेश में विकास के कार्य तेजी से चल रहे हैं। सत्ता अपना काम कर रही है। भाजपा प्रदेश की 29 में से 29 लोकसभा सीटें जीतने वाली हैं।
विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि 2023-24 का 42% बजट ही खर्च हुआ है। ऐसे में अनुपूरक बजट क्यों लाया जा रहा है? हम लेखानुदान का विरोध करेंगे। वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि मोदी की गारंटी पूरी नहीं हो रही है। जमीन पर दिखे, तब तो हम मानेंगे कि गारंटी पूरी हो रही है। घोषणाएं पूरी होती नजर नहीं आ रही है।
वित्त मंत्री और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि चार महीने तक सभी योजनाएं चलती रहे, इसके लेखानुदान लाया जा रहा है। सभी योजनाएं यथावत चलती रहेंगी। नई योजना शुरू नहीं की जाएगी। लेखानुदान या अंतरिम बजट के माध्यम से विभागों को अप्रैल से जुलाई 2024 तक विभिन्न योजनाओं में राशि व्यय करने के लिए आवंटित की जाएगी। यह सभी वर्गों को साधने और संकल्प पत्र की पूर्ति की दिशा में कदम बढ़ाने वाला होगा। सरकार लोकसभा चुनाव के बाद जुलाई में पूर्ण बजट प्रस्तुत करेगी।
उप मुख्यमंत्री वित्त जगदीश देवड़ा सोमवार को लेखानुदान प्रस्तुत करेंगे। उनका भाषण होगा, जिसमें वे प्रदेश की वित्तीय स्थिति का ब्योरा रखेंगे। अभी तक अर्जित सफलताओं का उल्लेख करते हुए सरकार की प्राथमिकताएं बताएंगे। मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना अंतर्गत प्रति क्विंटल दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के लिए प्रावधान किया जाएगा। तीन वर्षों के लिए 105 करोड़ रुपये की स्वीकृति सरकार ने दी है। प्रदेश में अधोसंरचना विकास के लिए सात एक्सप्रेस वे बनाए जा रहे हैं। इसके लिए लेखानुदान में अंशदान रखा जाएगा। लाड़ली बहना को प्रतिमाह दी जाने वाली एक हजार 250 रुपये की राशि के हिसाब से चार माह का आवंटन महिला एवं बाल विकास विभाग को दिया जाएगा तो किसानों को बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराने के लिए सहकारिता विभाग को ब्याज अनुदान योजना में राशि मिलेगी। अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति और मेधावी विद्यार्थी योजना के लिए राशि निर्धारित की जाएगी। आयुर्वेदिक कालेज की स्थापना, जननी एक्सप्रेस वाहनों की संख्या में वृद्धि, सिंहस्थ 2028, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सहित अन्य योजनाओं के लिए विभागों को राशि आवंटित की जाएगी। केन बेतवा लिंक परियोजना के लिए भारत सरकार ने अंतरिम बजट में साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। इस अनुपात में प्रदेश सरकार राज्यांश की व्यवस्था करेगी। एकीकृत पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना के लिए भी प्रतीकात्मक प्रविधान किया जा सकता है।
मध्य प्रदेश विधानसभा में डॉ. मोहन यादव सरकार सोमवार को लेखानुदान प्रस्तुत करेगी। एक लाख करोड़ रुपये का अंतरिम बजट पेश होगा। अंतरिम बजट होने से नई घोषणा या योजना की संभावना कम ही है। सरकार की मौजूदा योजनाओं के लिए बजट का प्रावधान किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा सदन में लेखानुदान पेश करेंगे। इसकी जानकारी सभी सदस्यों को पैन ड्राइव के माध्यम से दी जाएगी। लेखानुदान में प्रधानमंत्री जन मन योजना के लिए बजट घोषित होगा। अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए विकास कार्यों और बैगा, भारिया, सहरिया परिवारों को प्रधानमंत्री आवास की तर्ज पर आवास स्वीकृत होंगे। इसमें दो लाख रुपये किश्तों में दिए जाएंगे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के साथ ही राजस्थान के साथ शुरू होने वाली पार्वती कालीसिंध-चंबल परियोजना के लिए भी राशि का आवंटन किया जा सकता है। इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार 90 प्रतिशत तो राज्यों को 10 प्रतिशत अंश देना है। कर्मचारियों के वेतन, महंगाई भत्ते, पारिश्रमिक में वृद्धि, अधोसरंचना और सिंचाई से जुड़ी विकास परियोजनाओं के लिए प्रावधान किया जा सकता है।
लोकसभा चुनाव के चलते सरकार इस बार अपना पूर्ण बजट मानसून सत्र में प्रस्तुत करेगी। इस बार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट भी जुलाई में प्रस्तुत होगी। इसमें प्रदेश के विकास दर, औद्योगिक, कृषि विकास दर, प्रति व्यक्ति आय, खनिज, खाद्यान्न उत्पादन की स्थिति समेत अन्य जानकारी सदन में रखी जाएगी। विधानसभा का सत्र सात फरवरी को शुरू हुआ है। यह सत्र 19 फरवरी तक चलेगा। सोमवार को सत्र में लेखानुदान के साथ ही प्रश्नोत्तर होंगे।