अमेरिका पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने का वित्तमंत्री ने किया बचाव, बताया- आगे शुल्क जारी रहेगा या नहीं

नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर टैरिफ लगाने की चेतावनी के बाद पहली बार वित्तमंत्री ने इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने दो टूक कहा कि भारत की ओर से लगाए जा रहे टैरिफ का पूरी तरह कानून के अनुरूप हैं. उन्होंने अमेरिका के उत्पादों पर 100 फीसदी तक व्यापार शुल्क लगाने का भी बचाव किया और कहा कि भारत का यह कदम विश्व व्यापार संगठन (WTO) के कानून के तहत पूरी तरह सही है. ऐसा शुल्क देश के विकास और घरेलू उद्योगों को समर्थन देने के लिए लगाया जाता है.
वित्तमंत्री से जब यह पूछा गया कि अमेरिका पर 100 फीसदी का टैरिफ लगाना कितना वाजिब है तो उन्होंने कहा कि यह व्यापार शुल्क विश्व व्यापार संगठन के मानदंडों के अनुरूप हैं. इन्हें राष्ट्रीय विकास और घरेलू उद्योगों को समर्थन देने के लिए लगाया जाता है. कुछ अमेरिकी आयातों पर 100 प्रतिशत व्यापार शुल्क को पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह शुल्क वैध साधन हैं.
वित्तमंत्री ने कहा कि जब आप विकास के उस चरण में होते हैं, जब आपके अपने उद्योग को बढ़ना होता है, तो डब्ल्यूटीओ मानदंडों के अनुसार आप जो भी व्यापार शुल्क लगा सकते हैं. वित्तमंत्री ने यहां बजट के बाद एक बातचीत में कहा कि इसलिए यह इसी मकसद से हो रहा है और जैसा कि मैंने कहा यह डब्ल्यूटीओ के अनुरूप है. लिहाजा अमेरिका पर लगाए जा रहे आयात शुल्क कतई गैर वाजिब नहीं हैं.
वित्तमंत्री ने इसका भी जवाब दिया कि क्या अमेरिकी उत्पादों पर आयात शुल्क आगे भी जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि आज प्रचलित व्यापार शुल्क कई उद्देश्यों को पूरा करते हैं और यह सुरक्षा आगे भी जारी रहेगी. उन्होंने निर्यात और नए बाजारों तक पहुंचने की संभावना पर भी जोर दिया. भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने हितों का ख्याल रखेगा, जबकि भारत अपने हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा.
ट्रंप के भारतीय उत्पादों पर शुल्क लगाने की चेतावनी के बाद भारतीय अधिकारी मोलभाव में लगे हैं. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी टैरिफ से बचने के तरीके खोज रहे हैं. इस बीच अमेरिका ने प्रस्ताव दिया है कि अगर भारत उसे प्रोडक्ट पर टैरिफ शून्य कर दे तो उसे भी शुल्क से राहत मिल जाएगी. हालांकि, इन सबके बीच वित्तमंत्री ने शुल्क आगे भी जारी रहने की बात कहकर अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ बातचीत में यह विचार किया जाएगा कि हम किस तरह आगे बढ़ सकते हैं. पीयूष गोयल और अमेरिकी वाणिज्य मंत्री व संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि के साथ इस पर चर्चा चल रही है. इस पर फैसला इस बातचीत के बाद ही लिया जाएगा.