हर बाढ़ प्रभावित गांव के लिए अलग नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए: मुख्यमंत्री
20 मिनी पोर्टेबल एवं तीन बड़े फॉगिंग मशीन कर्मियों के ग्रुप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद वाराणसी के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर बाढ़ पीड़ितों के लिए किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया तथा उनसे बातचीत की। उन्होंने राजघाट से एन0डी0आर0एफ0 के मोटर बोट से पुराना पुल तक भ्रमण कर गंगा नदी एवं वरुणा नदी के बढ़े हुए जल स्तर का मुआयना किया। इसके बाद उन्होंने सरैया स्थित आलिया गार्डेन में बनाए गए बाढ़ राहत केंद्र में रह रहे लोगों से मुलाकात की। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि आपदा की इस घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने मौके पर अधिकारियों से राहत कार्यों के बारे में जानकारी लेतेे हुए निर्देशित किया कि बाढ़ पीड़ितों की हर सम्भव मदद की जाए।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री जी ने जे0पी0 मेहता इंटर कॉलेज राहत केंद्र पहुंचकर वहां पर रह रहे बाढ़ प्रभावितों से बातचीत कर उन्हें मिल रही राहत सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री के पैकेट उपलब्ध कराए। इस दौरान उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के मवेशियों के लिए बनाए गए आश्रय स्थल का भी निरीक्षण किया। उन्होंने 20 मिनी पोर्टेबल एवं तीन बड़ी फॉगिंग मशीन कर्मियों के ग्रुप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इसके बाद मुख्यमंत्री जी ने जनपद वाराणसी के सर्किट हाउस सभागार में बाढ़ की स्थिति, राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा मिर्जापुर, भदोही व चंदौली जनपद में बाढ़ की स्थिति एवं राहत कार्यों की भी समीक्षा की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना काल में कमांड कंट्रोल रूम का अच्छा उपयोग हुआ था, इसे बाढ़ राहत, सूचना के आदान-प्रदान में उपयोग कर सकते हैं। चारों जनपदों को संबोधित करते हुए उन्होंने निर्देशित किया कि हर बाढ़ प्रभावित गांव के लिए अलग नोडल अधिकारी नियुक्त करें। राहत कार्य तत्काल उपलब्ध कराएं। बाढ़ क्षेत्रों में नावों की समुचित संख्या में व्यवस्था रखें। उत्तराखंड, राजस्थान, बुंदेलखंड क्षेत्र आदि में भारी वर्षा होती है, तो उसका प्रभाव गंगा नदी में आता है, जिससे वाराणसी पर असर पड़ता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सितंबर माह तक बाढ़ के खतरे से अलर्ट रहें। राहत सामग्री वितरण में जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए। जिन्हें जरूरत हो, उनके लिए एल0पी0जी0 सिलेंडर की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि एस0डी0आर0एफ0 व पी0ए0सी0 बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में तैनात रहे। लगातार पुलिस पेट्रोलिंग की जाए। पर्याप्त मात्रा में बाढ़ चौकियों की स्थापना की जाए। लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नम्बर जारी किए जाएं। विद्युत आपूर्ति के अभाव में पेट्रोमेक्स व जेनरेटर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। बाढ़ राहत शिविरों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला आरक्षी तैनाती की जाएं। बाढ़ का पानी कम होने पर स्वच्छता व सैनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान दिया जाए। बाढ़ प्रभावितों को हर हाल में समय पर राहत सुनिश्चित की जाए। खाद्यान्न की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए। बाढ़ पीड़ितांे को फूड पैकेट्स वितरित किए जाएं। बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में लोगों को गर्म पानी के सेवन के लिए जागरूक किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ से सांप, जहरीले कीड़े, कुत्तों की समस्या के दृष्टिगत एंटी स्नेक वेनम, एंटी रेबीज वैक्सीन की पर्याप्त व्यवस्था रहे। बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों से सहानुभूतिपूर्वक व संवेदनशीलता से पेश आयंे। कोई बाढ़ पीड़ित व्यक्ति राहत सामग्री से वंचित न रहे। जिला प्रशासन जनप्रतिनिधियों का सहयोग ले। मिर्जापुर जनपद में गांव की आबादी प्रभावित हुई है। उन्होंने जिलाधिकारी मिर्जापुर को चुनार क्षेत्र में नाव की तत्काल व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ के मद्देनजर सावधानी व सतर्कता बनाए रखने की जरूरत है। वाराणसी, मिर्जापुर व भदोही में सावधानी व सतर्कता बरती जाए।
मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि वाराणसी में पुलिस द्वारा 42 नावें संचालित हैं। 25 सब इंस्पेक्टर 100 सिपाही वायरलेस सेट के साथ चौकसी व राउंड कर रहे हैं। बाढ़ से कुल 161 गांव व वॉर्ड प्रभावित हुए हैं, जिसमें 39,490 आबादी प्रभावित हुई है। 22 बाढ़ राहत केंद्र संचालित हैं, जिनमें 3,237 लोग रुके हैं। 111 नावें लोगों की सहायता में लगी हुई है। इसके अतिरिक्त एन0डी0आर0एफ0, पी0ए0सी, जल पुलिस की मोटर बोट लगी है। एन0डी0आर0एफ0, पी0ए0सी0, जल पुलिस बराबर निगरानी व रेस्क्यू कर रही है। अब तक बाढ़ प्रभावित लोगों को 5,300 राशन किट वितरित की जा चुकी हैं।
कम्युनिटी किचन संचालित कर प्रतिदिन 3,950 लोगों को पका पकाया भोजन दिया जा रहा है। लोगों की चिकित्सा सुविधा हेतु प्रतिदिन 32 मेडिकल कैंप लगे हैं, जिसके द्वारा 1,260 लोगों को दवाइयां भी दी गई हैं। 660 लोगों को ओ0आर0एस0 के पैकेट दिए गए। 8,050 ग्लोबिन की टैबलेट वितरित की जा चुकी हैं। बाढ़ से प्रभावित पशुओं के लिए प्रतिदिन 30 पशु चिकित्सा कैंप लगे हैं। जिसके द्वारा 4,640 पशुओं की चिकित्सा की जा चुकी है। 1,381 कुंतल चारा पशुआंे के लिए वितरित किया जा चुका है। प्रभावित क्षेत्रों/गांव में फॉगिंग व एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों में फॉगिंग मशीन और क्रय कर इस कार्य को बढ़ाया जा रहा है। जिला स्तर व प्रत्येक तहसील पर बाढ़ कंट्रोल रूम संचालित हैं। बाढ़ राहत केंद्रों पर दूध के 1,971 पैकेट 12 अगस्त की सुबह तक वितरित हुए। छोटे बच्चे, बुजुर्गों को केले का वितरण हुआ।
इस अवसर पर पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 नीलकंठ तिवारी, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रविन्द्र जायसवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।