Meta के हजारों कर्मचारियों पर फिर लटकी छंटनी की तलवार, 4500 कर्मियों का वेतन नहीं बढ़ाएगी फ्लिपकार्ट
नई दिल्ली : फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा ने पिछले साल करीब 11 हजार लोगों को नौकरी से निकाला था और अब एक बार फिर वह हजारों लोगों को निकालने की तैयारी कर रही है। रॉयटर्स के मुताबिक, मेटा वैश्विक सुस्ती और मंदी के डर से अपनी प्रचालन लागत घटाने के लिए प्रयास कर रही है।
पिछले साल मेटा ने कंपनी से करीब 13 फीसदी कर्मचारी यानी कि 11000 से ज्यादा लोगों को निकाल दिया था। मेटा के 18 साल के इतिहास में ये पहली बार था कि इतनी संख्या में लोगों को निकाला गया होगा। नई योजना के मुताबिक मेटा मानव संसाधन, वकीलों और वित्तीय विशेषज्ञों की मदद से कंपनी में बड़े पदों पर कार्यरत कर्मचारियों की भूमिकाओं को घटाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत कंपनी उच्च स्तर पर बैठे कर्मचारियों की निचले पद ऑफर करेगी।
ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट ने घोषणा कि है कि वह करीब 30 फीसदी कर्मचारियों का वेतन इस बार नहीं बढ़ाएगी। फ्लिपकार्ट में करीब 15,000 कॉरपोरेट कर्मचारी हैं। कंपनी द्वारा कर्मचारियों को भेजे गए पत्र के मुताबिक ग्रेड 10 और उसके ऊपर के वरिष्ठ कर्मचारियों या अधिकारियों की तनख्वाह नहीं बढ़ाई जाएगी। उनकी संख्या करीब 4,500 है।
फ्लिपकार्ट में सप्लाई चेन और वेयरहाउस प्रबंधन के लिए किसी अन्य एजेंसी के जरिये लिए गए या ठेके पर रखे गए करीब 2 लाख कामगार हैं, लेकिन नई नीति उन पर लागू नहीं होगी। जानकारों के मुताबिक कंपनी नकदी बचाने और मुनाफे में आने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भर्तियां भी कम कर दी गई हैं और कंपनी छोड़कर जाने की योजना बनाने वाले कर्मचारियों को रोका भी नहीं जा रहा है।
दुनियाभर कई कंपनियों में हालात कठिन बने हुए हैं, लेकिन भारत में हालात बिल्कुल विपरीत दिख रहे हैं। एक सर्वे के मुताबिक तीन-चौथाई भारतीय उद्योग संस्थान नौ से 12 फीसद इनक्रीमेंट पर विचार कर रहे हैं। एऑन इंडिया की रिपोर्ट कहती है कि लगभग आधे भारतीय संगठनों द्वारा लगातार दूसरे वर्ष दो अंकों की इनक्रीमेंट किए जाने की उम्मीद है।
वहीं, बेहतर प्रदर्शन करने वालों के वेतन में इस साल 16.5 फीसद का इजाफा हो सकता है। नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार, 2023 में भारत में वेतन औसतन 10.3 फीसद बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि यह पिछले साल के 10.6 फीसदी से मामूली गिरावट है, लेकिन पिछले दो सालों में ये इनक्रीमेंट एक पूरे दशक के उच्च स्तर पर पहुंच गई है।