‘आजादी के अमृतकाल में पहली बार देश गुलामी की मानसिकता से बाहर आया है’, मथुरा में बोले PM मोदी
मथुरा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बृहस्पतिवार को कहा कि आज आजादी के ‘अमृतकाल’ में पहली बार देश गुलामी की मानसिकता से बाहर आया है। उन्होंने ‘मीराबाई जन्मोत्सव’ (Meerabai Birth Anniversary) को संबोधित करते हुए कहा, “भगवान श्री कृष्ण की अनन्य भक्त संत मीराबाई का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा शक्ति है। मथुरा की पावन धरा पर संत मीराबाई की 525 वीं जन्म-जयंती के उत्सव में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने बृहस्पतिवार को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में पूजा-अर्चना की। वह भगवान कृष्ण भक्त की 525 वीं जयंती मनाने के लिए आयोजित ‘मीराबाई जन्मोत्सव’ में भाग लेने के लिए यहां आये हैं। कार्यक्रम के अंत में ब्रज रज उत्सव में प्रधानमंत्री के सामने सांसद एवं अभिनेत्री हेमा मालिनी ने मीराबाई नृत्य नाटिका में मीरा के कृष्ण प्रेम के विरह को नृत्य से उकेरा। मोदी ने श्रीकृष्ण जन्म भूमि मंदिर में पूजा करने के बाद एक्स पर लिखा, “मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर में दिव्य पूजन का सौभाग्य मिला। ब्रज के कण-कण में बसे गिरधर गोपाल के मनोहारी दर्शन ने भाव-विभोर कर दिया। मैंने उनसे देशभर के अपने सभी परिवारजनों के लिए सुख-समृद्धि और कल्याण की कामना की।”
525 रुपये का सिक्का जारी
प्रधानमंत्री ने संत मीराबाई की 525 वीं जयंती के अवसर पर उनके सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट और 525 रुपये का सिक्का भी जारी किया। उन्होंने कहा, “आज आज़ादी के अमृतकाल में पहली बार देश गुलामी की मानसिकता से बाहर आया है। हमने लाल किले से ‘पंच प्रणों’ का संकल्प लिया है। हम अपनी विरासत पर गर्व की भावना के साथ आगे बढ़ रहे हैं।” पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”यह ब्रज क्षेत्र भक्ति और प्रेम की भूमि तो है ही, यह हमारे साहित्य, संगीत, संस्कृति और सभ्यता का केंद्र रहा हैं। इस क्षेत्र में मुश्किल से मुश्किल समय में भी देश को संभाले रखा। लेकिन जब देश आजाद हुआ तो जो महत्व इस पवित्र तीर्थ को मिलना चाहिये था, दुर्भाग्य से वह नहीं हुआ। जो लोग भारत को इसके अतीत से काटना चाहते थे, जो लोग भारत की संस्कृति से उसकी आध्यात्मिक पहचान से विरक्त थे। वह आजादी के बाद भी गुलामी की मानसिकता नहीं त्याग पाये। उन्होंने ब्रज भूमि को भी विकास से वंचित रखा।”
उन्होंने कहा,”आज काशी में विश्वनाथ धाम भव्य रूप में हमारे सामने हैं। आज उज्जैन के महाकाल महालोक में दिव्यता के साथ साथ भव्यता के दर्शन हो रहे हैं। अब तो अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के लोकापर्ण की तिथि भी आ गयी है।” उन्होंने कहा, “भगवान कृष्ण से लेकर मीराबाई तक, ब्रज का गुजरात से एक अलग से ही रिश्ता रहा है। मथुरा के कान्हा, गुजरात जाकर ही द्वारकाधीश बने थे। राजस्थान से आकर मथुरा वृन्दावन में प्रेम की धारा बहाने वाली संत मीराबाई जी ने भी अपना अंतिम जीवन द्वारका में बिताया था।”
भारत की सम्पूर्ण संस्कृति का उत्सव
उन्होंने कहा, “मीराबाई का 525वां जन्मोत्सव केवल एक संत का जन्मोत्सव नहीं है। यह भारत की एक सम्पूर्ण संस्कृति का उत्सव है। यह उत्सव नर और नारायण में, जीव और शिव में, भक्त और भगवान में, अभेद मानने वाले विचार का भी उत्सव हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा,”हमारा भारत हमेशा से नारीशक्ति का पूजन करने वाला देश रहा है। हमारे देश में महिलाओं ने हमेशा जिम्मेदारियां भी उठाई हैं और समाज का लगातार मार्गदर्शन भी किया है। मीराबाई जी इसका एक प्रखर उदाहरण रही हैं।” मोदी ने कहा, “मीराबाई जैसी संत ने दिखाया कि नारी का आत्मबल, पूरे संसार को दिशा देने का सामर्थ्य रखता है। मीराबाई मध्यकाल की केवल महान महिला ही नही थीं बल्कि वह महानतम समाज सुधारकों और पथप्रदर्शकों में से भी एक रहीं।”
मथुरा-वृंदावन के विकास की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “मथुरा और ब्रज भी विकास की दौड़ में पीछे नही रहेंगे। वह दिन दूर नही जब ब्रज क्षेत्र में भगवान के दर्शन और भी दिव्यता के साथ होंगे। मुझे खुशी हैं कि ब्रज के विकास के लिए उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद की स्थापना की गयी है। यह परिषद श्रध्दालुओं की सुविधा और तीर्थ के विकास के लिए बहुत से काम कर रही है।” ब्रज क्षेत्र के विकास के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा,”ब्रजरज महोत्सव जैसे कार्यक्रम विकास की धारा में अपना प्रकाश भी बिखेर रहे हैं। यह पूरा क्षेत्र कान्हा की लीलाओं से जुड़ा हैं। मथुरा, वृन्दावन, भरतपुर करौली, आगरा फिरोजाबाद, कासगंज,पलवल, बल्लभगढ़ जैसे इलाके अलग अलग राज्य में आते हैं। भारत सरकार का प्रयास हैं कि अलग-अलग राज्य सरकारों के साथ मिलकर हम पूरे इलाके का विकास करें।” उन्होंने कहा,”ब्रज क्षेत्र में हो रहा बदलाव केवल व्यवस्था का बदलाव नहीं, बल्कि यह हमारे राष्ट्र के बदलते स्वरूप का, उसकी पुर्नजागरूक होती चेतना का प्रतीक है। महाभारत प्रमाण है, जहां भारत का पुनरूत्थान होता है, वहां उसके पीछे श्रीकृष्ण का आर्शीवाद जरूर होता है। उसी आर्शीवाद की ताकत से हम अपने संकल्पों को पूरा करेंगे और विकसित भारत का निर्माण भी करेंगे।”
हेमा मालिनी ने किया प्रधानमंत्री का स्वागत
इससे पहले स्थानीय सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया और उन्हें मीराबाई की प्रतिमा भेंट की। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। मोदी रहस्यवादी कवि और भगवान कृष्ण भक्त की 525 वीं जयंती मनाने के लिए आयोजित किए जा रहे ‘मीराबाई जन्मोत्सव’ में भाग लेने के लिए बृहस्पतिवार को यहां आये हैं। यह कार्यक्रम मीराबाई की याद में साल भर चलने वाले कार्यक्रमों की शुरुआत का भी प्रतीक होगा। मीराबाई को भगवान कृष्ण के प्रति उनकी अनन्य भक्ति के लिए जाना जाता है और उन्होंने कई भजनों एवं छंदों की रचना की, जो आज भी लोकप्रिय हैं। इससे पहले मोदी ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, “संत मीराबाई का जीवन निश्छल भक्ति और आस्था का अनुपम उदाहरण है। भगवान श्री कृष्ण को समर्पित उनके भजन और दोहे आज भी हम सभी के अंतर्मन को श्रद्धा-भाव से भर देते हैं। उनकी 525वीं जयंती पर मथुरा में ‘संत मीराबाई जन्मोत्सव’ का आयोजन हो रहा है। आज मुझे भी इससे जुड़े कार्यक्रमों में शामिल होने का सौभाग्य मिलेगा।”
अयोध्या ने वह देखा है जिसका वर्षों से इंतजार था
यहां ‘मीराबाई जन्मोत्सव’ समारोह में अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वैश्विक स्तर पर भारत का सम्मान बढ़ा है। उन्होंने कहा , “आप दुनिया में जहां भी जाते हैं, आपका स्वागत स्वाभाविक रूप से 142 करोड़ भारतीयों को गौरवान्वित करता है। आपके नेतृत्व में सीमाएं सुरक्षित हो गई हैं और पिछले 9.5 वर्षों में आपके पास सभी समस्याओं का समाधान करने का एक तरीका है। आपके शासन में, न केवल नए योजनाएं शुरू की गईं लेकिन प्रभावी ढंग से लागू भी की गईं।” उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम और केदार धाम का भी उल्लेख किया और कहा कि अयोध्या ने वह देखा है जिसका वर्षों से इंतजार किया जा रहा था तथा अब 22 जनवरी- अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन का इंतजार है। कार्यक्रम के अंत में ब्रज रज उत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने हेमा मालिनी ने मीराबाई नृत्य नाटिका में मीरा के कृष्ण प्रेम के विरह को नृत्य से उकेरा। सांसद की नाट्य प्रस्तुति ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं। यह नृत्य नाटिका डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चली।