उत्तराखंड

सालों से प्रतिनिधियों ने ‘छला’, 1 साल में सीएम धामी कर गये ‘भला’

देहरादून (गौरव ममगाईं)। राज्य का आर्थिक विकास, भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस नीति, महिला कल्याण, समान नागरिक संहिता के रूप में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सराहनीय कार्य कर रहे हैं, अब सीएम धामी एक अन्य वजह से चर्चाओं में हैं। सीएम धामी ने 2022 में चंपावत की जनता से टनकपुर आईएसबीटी का वायदा किया था, महज 1 से डेढ़ साल के भीतर अपना वायदा पूरा कर दिखाया।

   भौगोलिक विषमता व विकास की कमी से जूझ रहे चंपावत में टनकपुर आईएसबीटी विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। दरअसल, कई सालों से राजनेताओं ने टनकपुर आईएसबीटी के नाम पर कोरी घोषणाएं की और वोट लेकर चलते बने। हर बार टनकपुरवासी छलते ही रहे। कांग्रेस हो या भाजपा, किसी भी पार्टी ने टनकपुरवासियों के साथ न्याय नहीं किया। 2017 व 19 में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी टनकपुर आईएसबीटी बनाने की घोषणा की, जो कोरी घोषणा बनकर रह गई। फिर 2022 में पुष्कर सिंह धामी ने यहां से उपचुनाव लड़ा। धामी ने भी चुनाव के दौरान टनकपुरवासियों की वास्तविक जरूरत आईएसबीटी बनाने का आश्वासन दिया था।

चंपावतवासियों ने सीएम धामी पर विश्वास जताकर जीत भी दिलायी, लेकिन आईएसबीटी बनकर मिल भी जाएगा, इसकी उम्मीद ज्यादा नहीं की। मगर, चंपावतवासियों को क्या मालूम था कि युवा सीएम पुष्कर सिंह धामी जो बोलते हैं, वो पत्थर की लकीर से कम नहीं होता और जब हित की बात अपनों की ही हो तो फिर पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता। धामी ने सरकार बनाने के करीब एक से डेढ वर्ष के भीतर चंपावतवासियों को आईएसबीटी की सौगात दे दी। अब जल्द आईएसबीटी पूरी तरह से बनकर तैयार होगा और तुरंत इसका संचालन भी शुरू होगा।

 आईएसबीटी बनाने में अनेक अड़चनें आई, धामी डटे रहे

दरअसल, इस भूमि को लेकर रोडवेज व पेयजल निगम के बीच विवाद चल रहा था। भूमि हस्तांतरण का समाधान न होने के कारण कई साल से पूरी परियोजना फाइलों तक ही सिमटी हुई थी। लेकिन, 2022 में जब पुष्कर सिंह धामी सीएम बने तो उन्होंने दोनों विभागों के पेंच कस दिये। उन्होंने दोनों विभागों के शीर्ष अधिकारियों की जवाबदेही तय करते हुए सख्त लहजे में कहा कि यह परियोजना मेरी राजनीतिक विश्वसनीयता से जुड़ा है। मुझे किसी भी सूरत में आईएसबीटी बनकर तैयार चाहिए। जैसा कई सालों से होता आ रहा है, मैं वो बर्दाश्त नही करूंगा। अगर किसी ने लापरवाही की तो वो कितना भी बड़ा अधिकारी क्यों न हो, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूर करूंगा। फिर क्या था धामी के डर के कारण विभागों ने विवाद का निस्तारण कर दिया। धामी ने आईएसबीटी निर्माण कार्य की निगरानी के लिए अपने भरोसेमंद अधिकारी भी तैनात किये थे, जो धामी को हर अपडेट देते हैं।

    जाहिर है कि टनकपुर आईएसबीटी चंपावत जिले के लिए सिर्फ परिवहन सेवाओं की सुविधा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आर्थिक, पर्यटन एवं चौमुखी विकास की दृष्टि भी बेहद महत्वपूर्ण सिध्द होगा। वहीं, यह आम आदमी के जीवन को भी आसान बनाएगा।

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