कोटद्वार : कोटद्वार विधायक एवं वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत द्वारा लगातार कोटद्वार के विकास के लिए जो कार्य किये जा रहे है वह अपने आप में बड़े सराहनीय है. वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने लगातार प्रयास कर कोटद्वार में कूड़ा निस्तारण के लिए वन भूमि को गैर वानिकी कार्यों के लिए हस्तांतरण की स्वीकृति दिलवाने का कार्य किया है. जिसकी भारत सरकार द्वारा स्वीकृति भी दे दी गयी है.
वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को ऐसे ही शेरे गढ़वाल नही कहा जाता है उनको कार्यों के लिए ही शेरे गढ़वाल कहा जाता है. कोटद्वार में वर्षो पुरानी कूड़ा निस्तारण की समस्या से निजात दिलाने के लिए वन मंत्री ने लगातार प्रयास कर कोटद्वार को कूड़ा निस्तारण की समस्या से निजात दिलवाई है. वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के कार्य ही उनके राजनीतिक कद को दिखाते है. वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के प्रयासों से कोटद्वार को कूड़ा निस्तारण की समस्या से निजात मिलने पर कोटद्वार के स्थानीय लोगों में बड़ा हर्ष है.।
गढ़वाल का द्वार कहे जाने वाले कोटद्वार नगर में लंबे समय से कूड़ा निस्तारण की समस्या से चल रही है। हालांकि कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में प्रयाप्त भूमि न होने के कारण आज तक इस ट्रेंचिंग ग्राउंड का निर्माण नहीं किया जा सका। पर अब केंद्र सरकार के शासनादेश से कोटद्वार को एक नई उम्मीद मिल गई है। शासनादेश के अनुसार कोटद्वार नगर निगम को ट्रेंचिंग ग्राउंड निर्माण के लिए 0.998 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति मिल गई है। अब कूड़े के निस्तारण के लिए ट्रेंचिंग ग्राउंड बनकर तैयार हो जाएगा।
बुधवार को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि पूर्व में कोटद्वार क्षेत्र में ट्रेंचिंग ग्राउंड निर्माण के लिए वन भूमि के हस्तांतरण की मांग की गई थी। जिस पर विचार करने के बाद कोटद्वार नगर निगम को 0.998 हेक्टेयर वन भूमि गैर वानिकी कार्यों के लिए हस्तांतरित करने की स्वीकृति दी जाती है। इस शासनादेश के बाद उम्मीद है जल्द ही उक्त भूमि पर ट्रेंचिंग ग्राउंड का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा और कोटद्वार को कूड़ा निस्तारण की समस्या से निजात मिल सकेगी।