पंजाब

पूर्व AIG राजजीत की बढ़ीं मुश्किलें, STF ने किया एक और केस दर्ज

जालंधर: पंजाब में ड्रग्स की तस्करी और करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार से संबंधित मामले में फरार पंजाब पुलिस के बर्खास्त ए.आई.जी. राजजीत सिंहकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। मामले की जांच कर रही विशेष टाक्स फोर्स (एस.टी.एफ.) ने राजजीत के खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी कानून के तहत एक और मामला दर्ज कर लिया है। राजजीत पर नशा तस्करों से रिश्वत लेने तथा उन्हें सुरक्षा देने का आरोप है। जानकारी के अनुसार राजजीत पर जब्री वसूली तथा भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है।

इस मामले को लेकर दर्ज हुआ था केस
जानकारी के अनुसार विशेष एस.टी.एफ. की तरफ़ से राजजीत सिंह के खिलाफ पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से सार्वजनिक की गई तीन एस.आई.टी. रिपोर्ट के आधार पर मोहाली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। यह भी जानकारी मिली है कि एफ.आई.आर. में बकायदा जिक्र किया गया है कि बर्खास्त अधिकारी पर जब्री वसूली का मामला दर्ज किया गया है क्योंकि एस.आई.टी. की रिपोर्ट से यह पता लगता है कि अधिकारी की पंजाब पुलिस के बर्खास्त इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह के साथ मिलीभगत थी। एस.आई.टी. ने जांच में उस समय के विशेष डी.जी.पी. सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के नेतृत्व वाली एस.आई.टी. द्वारा जांच किए लोगों के बयानों के आधार पर बर्खास्त पुलिस आफिसर का नाम सामने किया है। यह बात जिक्रयोग्य है कि राजजीत सिंह की गिरफ्तारी के लिए अदालत ने वारंट भी जारी किए हैं, उसकी तलाश में लगातार छापेमारी की जा रही है।

लुक आऊट सर्कुलर के बाद भी राजजीत का कोई सुराग नहीं
गौरतलब है कि पंजाब में ड्रग्स रैकेट मामले में राजजीत सिंह पिछले काफी समय से चर्चा में था। राजजीत सिंह फरार है तथा अभी तक पुलिस के हाथ कोई सफलता नहीं लगी है। अदालत की तरफ से जारी आदेश के तहत 18 मई तक आरोपी को गिरफ्तार करके अदालत में पेश किया जाना था, लेकिन राजजीत सिंह का अभी भी कोई सुराग नहीं है। वैसे यह भी कहा जा रहा है कि राजजीत सिंह पर मामला दर्ज करने के बाद उसे फरार होने के लिए काफी समय मिल गया। यह भी बताया जा रहा है कि लुक आऊट सर्कुलर भी देरी से जारी हुआ, जिसके कारण संभावना है कि वह देश से बाहर फरार हो गया होगा।

यह था मामला
वर्ष 2017 में इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह को हथियार व ड्रग्स तस्करी मामले में गिरफ्तार किया गया था, उसके घर से हैरोइन, स्मैक सहित ए.के. 47 भी बरामद हुई थी। इंस्पैक्टर को उसके बाद बर्खास्त कर दिया गया। बाद में इस बात का भी खुलासा हुआ था कि ए.आई.जी. राजजीत सिंह इंस्पैक्टर इंद्रजीत को बचाने की कोशिश में है तथा गलत रिकार्ड पेश किया जा रहा है। राजजीत सिंह पर बरामद ड्रग्स से छेड़छाड़ तथा इंद्रजीत सिंह को प्रमोशन देने के भी आरोप हैं। एक और जिक्रयोग्य बात है कि ए.आई.जी. राजजीत सिंह तथा इंद्रजीत 2012 से 2017 तक एक साथ तैनात रहे। अपने साथ लगाने के लिए राजजीत सिंह ने इंद्रजीत के लिए बकायदा सिफारिशी पत्र भी लिखे थे। ये दोनों अधिकारी जालंधर, मोगा और गुरदासपुर, तरनतारन में भी तैनात रहे हैं।

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