विश्व बैंक के नए अध्यक्ष बन सकते हैं मास्टरकार्ड के पूर्व CEO अजय बंगा, जो बाइडन ने किया नॉमिनेट
वॉशिंगटन : मास्टरकार्ड के पूर्व सीईओ अजय बंगा विश्व बैंक के नए अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। व्हाइट हाउस ने इसके बारे में जानकारी दी है। व्हाइट हाउस ने बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की है कि संयुक्त राज्य अमेरिका मास्टरकार्ड के पूर्व सीईओ अजय बंगा को विश्व बैंक का अध्यक्ष नामित कर रहा है।
दरअसल, बीते सप्ताह वर्ल्ड बैंक (world bank) के प्रमुख डेविड मलपास ने इस्तीफे का एलान कर दिया था। इसके बाद विश्व बैंक की ओर से कहा गया था कि वह जल्द ही नए अध्यक्ष का चयन कर सकता है। नए अध्यक्ष की नियुक्ति पर जो बाइडन ने कहा कि अजय बंगा विश्व बैंक का नेतृत्व करने के लिए सक्षम हैं।
बाइडन द्वारा बंगा को विश्व बैंक के शीर्ष पद के लिए नामित किए जाने की घोषणा के बाद अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने एक बयान में कहा कि अजय बंगा विश्व बैंक के परिवर्तनकारी अध्यक्ष साबित होंगे। क्योंकि यह संस्था अपने मूल विकास लक्ष्यों को पूरा करने और जलवायु परिवर्तन सहित वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए काम करती है।
यदि विश्व बैंक के निदेशक मंडल द्वारा पुष्टि की जाती है, तो बंगा दो शीर्ष अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक में से किसी एक का प्रमुख बनने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी और सिख-अमेरिकी होंगे। हैरिस ने कहा कि जब से मैं उपराष्ट्रपति चुनी गई हूं, अजय और मैंने उत्तरी मध्य अमेरिका में प्रवासन के मूल कारणों को दूर करने के लिए डिजाइन किए गए सार्वजनिक-निजी भागीदारी के एक नए मॉडल पर मिलकर काम किया है।
हैरिस ने कहा कि जैसा कि सबको पता है कि विश्व बैंक अपने मूल विकास लक्ष्यों को पूरा करने और जलवायु परिवर्तन सहित वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए काम करती है इसलिए अजय इस संस्था के लिए बेहतर साबित होंगे क्योंकि वह आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और प्रवासन के मूल कारणों से निपटने की चुनौतियों के लिए महान अंतर्दृष्टि, ऊर्जा और दृढ़ता लेकर आए हैं।
एक अलग बयान में अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने बंगा को इस पद के लिए नामांकित करने के लिए बाइडन की सराहना की। येलेन ने कहा कि मैं विश्व बैंक का नेतृत्व करने के लिए अजय बंगा को नामित करने के राष्ट्रपति बाइडन के फैसले की सराहना करती हूं। उनके पास सही नेतृत्व और प्रबंधन कौशल है, उभरते बाजारों में रहने और काम करने का अनुभव है और विश्व बैंक का नेतृत्व करने के लिए वित्तीय विशेषज्ञता है।
येलेन ने कहा कि एक प्रसिद्ध कार्यकारी के रूप में बंगा ने लगभग 20,000 कर्मचारियों के साथ एक वैश्विक संगठन का नेतृत्व किया है, विविधता और समावेश की वकालत की है और परिणाम दिए हैं। उनके प्रयासों ने 50 करोड़ ऐसे लोगों को जो बैंक से नहीं जुड़े थे, उन्हें डिजिटल अर्थव्यवस्था में लाने में मदद की। निजी पूंजी को जलवायु समाधानों में प्रसारित किया और मध्य अमेरिका के लिए साझेदारी के माध्यम से आर्थिक अवसर का विस्तार किया।
बाइडन ने कहा, विकासशील देशों के सामने मौजूद अवसरों, चुनौतियों और गरीबी को कम करने व समृद्धि के विस्तार के लिए विश्व बैंक अपने महत्वाकांक्षी एजेंडे को कैसे पूरा कर सकता है, इस पर भारत में पले-पढ़े बंगा का एक अनूठा दृष्टिकोण है।
बंगा ने सफल वैश्विक कंपनियों को बनाने और चलाने में तीन दशक खर्च किए हैं, जिनके कारण विकासशील देशों में निवेश और रोजगार का सृजन हुआ। अगर कुछ अप्रत्याशित नहीं हुआ तो बंगा ही विश्व बैंक के अगले अध्यक्ष होंगे क्योंकि इस पद पर आमतौर पर अमेरिका का नामित शख्स ही चुना जाता है। विश्व बैंक के प्रमुख डेविड मालपास के अपना पद छोड़ने की घोषणा के बाद नए अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया आरंभ हुई है। विश्व बैंक ने इस बात पर जोर दिया है कि इस बार किसी महिला को यह पद दिया जाना चाहिए। विश्व बैंक का अध्यक्ष आमतौर पर कोई अमेरिकी होता है जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रमुख का पद किसी यूरोपीय को दिया जाता है।
पुणे के खादकी छावनी में 10 नवंबर 1959 को पैदा हुए बंगा, सैनी सिख परिवार से आते हैं। उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) हरभजन सिंह बंगा मूलत: पंजाब के जालंधर के रहने वाले हैं। अजय बंगा के बड़े भाई एमएस बंगा भी बिजनेसमैन हैं। बंगा की स्कूली शिक्षा सिकंदराबाद, जालंधर, दिल्ली, अहमदाबाद और शिमला के अलग-अलग स्कूलों में हुई। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री ली और बाद में आईआईएम अहमदाबाद से पीजीपी (प्रबंधन) किया। बंगा को 2016 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।