दिल्ली में ग्रैप का चौथा चरण लागू, अब लगेंगी कई नई पाबंदियां
नई दिल्ली (गौरव ममगाई): राजधानी दिल्ली में व आस-पास के इलाकों में बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है. इसे देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीक्यूएम) ने रविवार को बड़ा कदम उठाया है. आयोग ने पूरे एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का चौथा चरण लागू कर दिया है. इसके साथ ही दिल्ली में कई अन्य प्रतिबंध भी लागू हो जाएंगे. पहले के 3 चरणों के प्रतिबंध पूर्व की तरह लागू रहेंगे. इसमें कई तरह के डीजल वाहनों पर रोक समेत वर्क फ्रॉम होम की वैकल्पिक व्यवस्था शुरू हो सकती है. इसे लेकर सरकार ने सोमवार को महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसमें कई फैसले लिये जा सकते हैं.
क्या हो सकते हैं नये प्रतिबंधः
एनसीआर राज्य सरकारें सार्वजनिकए निगम व निजी कार्यालयों में 50 फीसदी क्षमता के साथ घरों से काम करने की छूट दे सकती है.
केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को घरों से काम करने की छूट दे सकती है.
राज्य सरकारें स्कूल व कॉलेजों को बंद करने के साथ गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद कर सकती हैं.
दिल्ली के बाहर से आने वाले सभी ट्रकों को प्रवेश पर रोक रहेगी, लेकिन आवश्यक वस्तु व सीएनजी ट्रकों को छूट मिलेगी. इसके अलावा इलैक्ट्रिक ट्रकों को भी पूरी छूट मिल सकती है.
दिल्ली में रजिस्टर्ड मीडिय व हैवी डीजल संचालित माल वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा. आवश्यक वस्तु वाले वाहनों को छूट मिलेगी.
एनसीटी दिल्ली व एनसीआर में डीजल चालित चारपहिया वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा. इसके अलावा इमरजेंसी वाहनों को छूट मिलेगी. इस श्रेणी में बीएस-6 वाहन चलाये जा सकेंगे.
एनसीआर में उद्योगों पर प्रतिबंध रहेगा, जहां पीएनजी ईंधन की सुविधा नहीं है. सरकार द्वारा अधिकृत सूची से बाहर के ईंधन का प्रयोग करने वाले वाहनों पर रोकण् दूध, डेयरी उत्पाद व मेडिकल उपकरणों से जुड़े उद्योगों को छूट.
निर्माण एवं विध्वंस गतिविधियों पर रोक. फ्लाईओवर, राजमार्ग, पुल व पाइपलाइन समेत अन्य गतिविधियों पर रोक.
क्या है ग्रैपः
दरअसल, राजधानी दिल्ली में कई सालों से अक्टूबर-नवंबर महीने में गैस चैंबर बन रही है. इसमें जहरीली हवा धुंध का रूप ले लेती है, जिसमें सांस लेना व चलना मुश्किल हो रहा है. इसे देखते हुए दिसंबर 2016 में एमसी मेहता बनाम भारत संघ के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था, जिसमें विभिन्न वायु गुणवत्ता सूचकांक के तहत ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप का गठन किया गया. इसमें वायु गुवत्ता को मध्यम एवं खराब, बहुत खराब व गंभीर श्रेणी थी, लेकिन बाद में गंभीऱ या इमरजेंसी श्रेणी को भी जोड़ा गया.
ग्रैप में होते हैं चार चरणः
ग्रैप में वायु गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए चार चरणों में कार्रवाई की जाती है.
पहला चरण- वायु गुणवत्ता सूचकांक (एआईक्यू) का स्तर 201 से 300 तक हो.
दूसरा चरण- एआईक्यू का स्तर 301 से 400 तक हो.
तीसरा चरण- एआईक्यू स्तर 401 से 450 तक हो.
चौथा चऱण- एआईक्यू स्तर 450 से ज्यादा होना चाहिए.