आज से दिल्ली में तीन दिनों तक इलेक्ट्रिक बसों में मुफ्त यात्रा
नई दिल्ली : राजधानी के लाखों यात्रियों को दिल्ली सरकार परिवहन के मामले में एक नया तोहफा देने जा रही है। सरकार ने फैसला किया है कि वो आज 24 मई से सड़क पर इलेक्ट्रिक बसें उतारेगी। इन इलेक्ट्रिक बसों में तीन दिनों तक लोग मुफ्त में यात्रा कर सकेंगे। उसके बाद उनसे इसमें सफर करने का किराया लिया जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से पत्र भी जारी कर दिया गया है। अभी दिल्ली की सड़क पर मात्र दो इलेक्ट्रिक बसें ही चल रही है, नई 125 बसों के इसमें जुड़ जाने से इनकी संख्या बढ़कर 127 हो जाएगी। इन सभी बसों में लोग सफर कर सकेंगे।
दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों की सारी खेप आ चुकी है। इसके बाद अब सरकार ने निर्णय लिया है कि वो तीन दिनों तक इन बसों में लाखों यात्रियों को मुफ्त में सफर कराएगी। मालूम हो कि दूसरी खेप के तहत 63 ई-बसें आई थी। जबकि 62 बसें पहले ही आ चुकी थीं। इन सभी बसों को मिलाकर दिल्ली में 125 बसें आ गई हैं। इनके पंजीकरण का काम भी हो चुका है। दिल्ली में अभी दो ई-बसें चल रही हैं। इन्हें मिलाकर दिल्ली में कुल 127 ई- बसें हो जाएंगी।
इन वातानुकूलित बसों के सड़कों पर उतरने से गर्मी के इस मौसम में दिल्ली की जनता को आवागमन में काफी सुविधा मिल सकेगी। मुख्यमंत्री केजरीवाल की अध्यक्षता में 27 मार्च 2021 को हुई कैबिनेट की बैठक में डीटीसी के बेड़े में 300 लो फ्लोर इलेक्टिक एसी बसों शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। कैबिनेट के अनुसार पहली बार इतनी बड़ी संख्या में इलेक्टिक बसें शामिल करने वाला दिल्ली पहला राज्य है।
डीटीसी की ओर से अक्टूबर 2019 में पहला टेंडर जारी किया गया था, लेकिन इसे रद कर दिया गया। जून 2020 में दूसरे टेंडर को भी प्रतिस्पर्धी दरें न मिलने की वजह से रद कर दिया गया। तीसरी बार दिसंबर 2020 में टेंडर जारी किया गया, जिसे अमलीजामा पहनाया जा रहा है। डीटीसी के बेड़े में शामिल होने वाली बसों का संचालन ओपेक्स माडल पर किया गया है। बिजली से चलने वाली 300 इलेक्टिक बसों के परिचालन के लिए मेसर्स जेबीएम और मेसर्स टाटा मोटर्स की बसें चलेंगी।
टेंडर की शर्तों के अनुसार मेसर्स जेबीएम 200, जबकि टाटा को 100 बसों का संचालन करने का काम मिला है। एक बार पूर्ण तौर पर चार्ज होने पर बसें कम से कम 120 किमी की दूरी तय कर सकेंगी। आपरेटर 10 साल तक बसों या बैटरी के रखरखाव के लिए जिम्मेदार होंगे। आपरेटर समय पर बैटरी बदलने के लिए बाध्य होगा।