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हमास से दोस्ती मंजूर नहीं! डील से डोलने लगा नेतन्याहू का सिंहासन

नई दिल्ली : हमास और इजराइल के बीच पूरे 15 महीने के बाद युद्धविराम की डील हो चुकी है, लेकिन जहां एक तरफ युद्धविराम शुरू हो गया है, वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नेतन्याहू की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. जिस तरह से नेतन्याहू सरकार के मंत्री इस डील के खिलाफ खड़े हो रहे हैं उस से साफ दिखाई दे रहा है कि इस डील से नेतन्याहू के सिंहासन पर असर पड़ सकता है. नेतन्याहू सरकार के कई मंत्री हमास के साथ हुई युद्धविराम की डील से नाखुश है और वो अपना विरोध साफ सामने रख रहे हैं. इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्विर ने हमास और इजराइली सरकार के बीच हुए युद्धविराम समझौते के विरोध में प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है.

न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्विर बल्कि उनकी राष्ट्रवादी-धार्मिक पार्टी ओत्ज़मा येहुदित के दो और मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है. इसी के साथ ओत्ज़मा येहुदित पार्टी ने नेतन्याहू की गठबंधन सरकार से अपना समर्थन भी वापस ले लिया है. इन इस्तीफों के सामने आने के बाद नेतन्याहू के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में तनाव बढ़ गया है. अगर गठबंधन की सरकार में मंत्री अपना समर्थन वापस ले लेते हैं तो नेतन्याहू के सिंहासन के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी.

ओत्ज़मा येहुदित पार्टी ने युद्धविराम समझौते की “हमास के प्रति समर्पण” के रूप में आलोचना की. साथ ही पार्टी ने कहा कि यह “सैकड़ों हत्यारों की रिहाई” है और उन्होंने इसकी की निंदा. पार्टी ने दावा किया कि इससे गाजा में इजराइली सेना की उपलब्धियां कम हो गईं है. राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री के इस्तीफे के बावजूद, नेतन्याहू के पास इजराइली संसद में मामूली बहुमत बरकरार है. जबकि ओत्ज़मा येहुदित पार्टी अब सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा नहीं है, उसने कहा है कि वह नेतन्याहू की सरकार को गिराने की कोशिश नहीं करेगी.

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