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आज से आम आदमी की जेब पर पड़ेगा असर, होने जा रहे ये बड़े बदलाव

नई दिल्ली : हर महीने की पहली तारीख की तरह एक नवंबर को भी पेट्रोलियम कंपनियां (petroleum companies) एलपीजी की कीमतों की समीक्षा के बाद नए दर तय करेंगी। बता दें कि पेट्रोलियम कंपनियां हर महीने के पहले दिन 14 किलो वाले घरेलू सिलेंडर (domestic cylinder) और 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में संशोधन करती हैं।

आज 1 तारीख से नवंबर महीने की शुरुआत हो गई और इसके साथ ही कई बड़े बदलाव भी होने जा रहे हैं। इन बदलावों का आपकी जेब पर तो असर पड़ेगा ही आपकी जीवनशैली (lifestyle) भी प्रभावित होगी। एक नवंबर से गैस सिलेंडरों की कीमतों में बदलाव होने के साथ-साथ बीमा क्लेम (insurance claim) से जुड़े नियम भी बदलने वाले हैं। इसक साथ ही रेलवे की समय सारणी में भी बदलाव होगा।

हर महीने की पहली तारीख की तरह एक नवंबर को भी पेट्रोलियम कंपनियां एलपीजी की कीमतों की समीक्षा के बाद नए दर तय करेंगी। बता दें कि पेट्रोलियम कंपनियां हर महीने के पहले दिन 14 किलो वाले घरेलू सिलेंडर और 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में संशोधन (revision of prices) करती हैं। पिछले एक अक्तूबर को कंपनियों ने कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में 25.5 रुपये की बढ़ोतरी की थी।

नवंबर महीने में होने वाला दूसरा अहम बदलाव भी गैस सिलेंडर से ही जुड़ा है। नवंबर महीने से गैस सिलेंडर की होम डिलिवरी के लिए वन टाइम पासवर्ड या ओटीपी की जरूरत होगी। सिलेंडर की बुकिंग (cylinder booking) के बाद ग्राहकों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर (registered mobile number) पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। इसे बताने के बाद सिस्टम से इसका मिलान होगा, उसके बाद ही सिलेंडर की डिलिवरी की जाएगी।

एक नवंबर को आईआरडीए भी एक बड़े बदलाव की घोषणा कर सकता है। नवंबर महीने की पहली तारीख से बीमाकर्ताओं के लिए केवाईसी डिटेल देना अनिवार्य किया जा सकता है। वर्तमान में गैर जीवन बीमा पॉलिसी खरीदते समय केवाईसी देना स्वैच्छिक है, नवंबर से यह अनिवार्य हो जाएगा। इसके बाद इश्योरेंस क्लेम के समय केवाईसी डॉक्यूमेंट नहीं देने पर क्लेम रद्द किया जा सकता है।

नवंबर महीने में जीएसटी से जुड़े नियम में भी बदलाव होगा। अब पांच करोड़ से कम टर्नओवर वाले करदाताओं को जीएसटी रिटर्न (gst return) में पांच अंकों का एचएसएन कोड लिखना जरूरी होगा। इससे पहले दो अंकों का एचएसएन कोड डालना होता था। पांच करोड़ से अधिक के टर्नओवर वाले करदाताओं के लिए एक अप्रैल 2022 से चार अंकों का कोड और उसके बाद एक अगस्त 2022 से छह अंकों का कोड डालना अनिवार्य किया गया था।

नवंबर महीने से दिल्ली में बिजली सब्सिडी से जुड़े नियम में भी बदलाव होगा। इसके तहत जिन लोगों ने बिजली सब्सिडी के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है उन्हें सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा। सब्सिडी के लिए रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख आज यानी 31 अक्तूबर 2022 तय की गई थी।

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