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गंगूबाई काठियावाड़ी का नया शीर्षक हो सकता है गंगूबाई, पद्मावती को किया था पद्मावत

मुंबई: निर्माता निर्देशक संजय लीला भंसाली से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्या वे अपनी फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी का नाम बदल सकते हैं। कोर्ट ने यह सवाल इस फिल्म के प्रदर्शन को रोकने के लिए लगी याचिकाओं की सुनवाई के चलते किया है। गौरतलब है कि संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी इस फिल्म के खिलाफ विधायक अमीन पटेल ने 22 फरवरी को बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दी थी कि फिल्म का नाम बदला जाना चाहिए।

अमीन पटेल ने अपनी याचिका में कहा था कि यह फिल्म कमाठीपुरा को रेड-लाइट एरिया के तौर पर दिखाती है और काठियावाड़ी कम्युनिटी को भी गलत ढंग से दिखाती है। हुसैन जैदी की किताब माफिया क्वीन्स ऑफ मुम्बई के एक चैप्टर पर आधारित इस फिल्म का ट्रेलर और गाने शुरुआत से सुर्खियों में रहे हैं। अब देखना होगा कि संजय लीला भंसाली क्या करते हैं। फिल्म की रिलीज में सिर्फ 1 ही दिन बाकी रह गया है ऐसे में वह नाम बदलने की अनाउंसमेंट करते हैं या कोई और कदम उठाते हैं।

बॉलीवुड के गलियारों में इस बात की चर्चा हो रही है कि संजय लीला भंसाली इस फिल्म को प्रदर्शन से रोकने के स्थान पर इसे गंगूबाई काठियावाड़ी की जगह गंगूबाई कर सकते हैं। यह ठीक उसी तरह से होगा जिस तरह से उन्होंने अपनी पिछली फिल्म पद्मावती के विरोध के चलते उसके नाम को पद्मावत कर दिया था। हालांकि नाम परिवर्तन के बाद भी उनकी यह फिल्म राजस्थान में प्रदर्शित नहीं हो सकी थी।

वैसे यह कोई नई बात नहीं है जब संजय लीला भंसाली को अपनी फिल्म को लेकर विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले भी संजय लीला भंसाली की पद्मावत, रामलीला भी विरोध झेल चुकी हैं। रणवीर सिंह दीपिका पादुकोण अभिनीत रामलीला के समय भी उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। तब उन्होंने इस फिल्म के शीर्षक को गोलियों की रासलीला कर दिया था।

फिल्म से जुड़े विवाद पर आलिया का कहना है, किसी भी तरह का विवाद या प्रतिक्रिया मुझे प्रभावित नहीं करती है। मुझे नहीं लगता कि एक हद के बाद मैं किसी भी चीज से प्रभावित होती हूँ। जाहिर तौर पर हर फिल्म में कुछ जानकारियाँ होती हैं… कि फिल्म अच्छी है या बुरी… ये चीजें मायने नहीं रखती हैं। आखिरी फैसला पब्लिक करती है।

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