प्रदर्शन से पूर्व कोर्ट के दरवाजे पहुँची गंगूबाई काठियावाड़ी, सोशल वर्कर से प्रॉस्टिट्यूट बना दिया
मुंबई: दिग्गज निर्माता निर्देशक संजय लीला भंसाली की बहुचर्चित और बहुप्रतीक्षित फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी प्रदर्शन से पूर्व गहरे विवादों से घिर गई है। फिल्म पर हाल ही में गंगूबाई के परिवार ने ने आपत्ति जताई है। परिवार ने फिल्म के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। परिवार का आरोप है कि इस फिल्म में हमारी मां को सोशल वर्कर से प्रॉस्टिट्यूट बना दिया गया है।
गंगूबाई के बेटे बाबूरावजी शाह ने कहा, फिल्म में मेरी मां को तो प्रॉस्टिट्यूट बनाकर रख दिया। अब लोग उनके बारे में तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। यह बातें हमारे परिवार को बहुत परेशान कर रही हैं। वहीं गंगूबाई की नातिन भारती ने कहा कि फिल्म के मेकर्स ने पैसों के लालच में आकर मेरे परिवार को डी-फेम कर दिया है। यह बिल्कुल भी एक्सेप्ट नहीं किया जा सकता है। मेकर्स ने फिल्म बनाने के लिए परिवार की सहमति भी नहीं ली है और न ही बुक के लिए कोई हमारे पास आया था।
भारती ने फिल्म के मेकर्स पर भडक़ते हुए कहा, मेरी नानी कमाठीपुरा में रहती थीं, तो क्या वहां रहने वाली हर औरत वेश्या हो गई। मेरी नानी ने वहां 4 बच्चों को एडॉप्ट किया था, जो प्रॉस्टिट्यूट के ही बच्चे थे। मेरी मां का नाम शकुंतला रंजीत कावी, दूसरे बेटे का नाम रजनीकांत रावजी शाह, तीसरे बेटे का नाम बाबू रावजी शाह और चौथी बेटी है, जिसका नाम सुशीला रेड्डी हैं। हम उन्हीं के परिवार से हैं। मेकर्स ने हमें ही इल्लीगल करार दे दिया है। हमारी नानी ने जब एडॉप्शन किया था, उस वक्त इसके कानून नहीं बने थे।