स्पोर्ट्स डेस्क : दुबई में खेली जा रही एएसबीसी यूथ एंड जूनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत के गौरव सैनी ने दुबई में किर्ग़िज़स्तान के जकीरोव मुखमादाजीज को मात देकर इस टूर्नामेंट के 70 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में एंट्री ली. इसके साथ गौरव ने अपने लिए कम से कम रजत पदक सुरक्षित कर लिया है.
गौरव के अलावा तीन अन्य भारतीय आशीष (54 किग्रा), अंशुल (57 किग्रा) और भारत जून ( प्लस 81 किग्रा) ने भी प्रतिष्ठित महाद्वीपीय प्रतियोगिता के दूसरे दिन अंतिम चार चरण में प्रवेश करने के लिए प्रभावशाली प्रदर्शन किया. इन तीनों ने अपने लिए कम से कम कांस्य पदक सुरक्षित कर लिया है.
इससे पहले, रोहित चमोली (48 किग्रा) और अंकुश (66 किग्रा) ने जूनियर लड़कों के वर्ग में सेमीफाइनल में जगह बनाते हुए अपने लिए पदक सुरक्षित किए थे. हरियाणा के मुक्केबाज गौरव अच्छे लय में नजर आये थे और अपने प्रतिद्वंद्वी के कुछ प्रतिरोध के बावजूद, उन्होंने लाइट मिडलवेट वर्ग में 4-1 से जीत दर्ज करने से पहले नियंत्रण नहीं खोया.
आशीष और अंशुल भी अपने-अपने विरोधियों क्रमश: ताजिकिस्तान के रहमानोव जाफर और खिताब के दावेदार स्थानीय प्लेयर मंसूर खालिद के खिलाफ हावी थे. आशीष ने जहां 5-0 से एकतरफा अंदाज में आसान जीत हासिल की, अंशुल के जोरदार प्रहार और लगातार हमले ने रेफरी को मैच के पहले दौर में ही रोकने और परिणाम भारतीय पक्ष में देने के लिए मजबूर कर दिया.
दूसरी ओर, भरत को एक अन्य उज्बेक मुक्केबाज केनेस्बाएव अयनाजर टॉलीबे के खिलाफ कड़े मैच में 3-2 से मिली जीत के दौरान कड़ी मेहनत करनी पड़ी. इस बीच, कृष पाल (46 किग्रा) और प्रीत मलिक (63 किग्रा) को हालांकि अपने-अपने अंतिम आठ मुकाबलों में हार मिली. सात युवा पुरुष मुक्केबाज विश्वनाथ सुरेश (48 किग्रा), विक्टर शेखोम सिंह (54 किग्रा), विजय सिंह (57 किग्रा), रबीचंद्र सिंह (60 किग्रा), वंशज (64 किग्रा), दक्ष सिंह (67 किग्रा) और जयदीप रावत (71 किग्रा) खेलेंगे.
ये सब क्वार्टर फाइनल में जीत के साथ चौथे दिन अपने लिए मेडल पक्की करना चाहते हैं. ये पहली बार है कि एशियाई चैंपियनशिप में जूनियर और युवा दोनों आयु वर्ग एक साथ खेले जा रहे हैं. लगभग दो सालों के अंतराल के बाद एशियाई स्तर पर होनहार युवा प्रतिभाओं के लिए चल रही एशियाई चैंपियनशिप जरूरी प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट है, जो महामारी की वजह से रोक दी गई थी.
भारत के मुक्केबाजों ने पहले ही इस आयोजन में देश को 25 से ज्यादा पदक दिलाने का आश्वासन दिया है, जिसमें कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी देशों के मुक्केबाजों की उपस्थिति में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है.