रत्न विज्ञान: नीलम को धारण करने से पहले जरूर जान लें ये ख़ास बातें, वरना उठाना पड़ सकता है नुक्सान
ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का बड़ा महत्व होता है। ग्रहों की शांति के लिए इन्हें पहना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि रत्नों में सकारात्मक ऊर्जा समाहित होती है। इन रत्नों में एक रत्न है – नीलम, जिसे शनि ग्रह की शांति के लिए धारण किया जाता है। नीलम रत्न का प्रभाव बहुत ही तेजी से दिखता है।
हालांकि इस रत्न को धारण करने से पूर्व किसी अच्छे ज्योतिषी का परामर्श अवश्य लें। क्योंकि अगर रत्न आपके प्रतिकूल हुआ तो इसके नकारात्मक परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं। ये नकारात्मक परिणाम कुछ इस प्रकार के हो सकते हैं।
नीलम रत्न को पहनने के नियम
अगर यह रत्न आपके लिए अनुकूल नही हैं यानी आपको सकारात्मक फल देने वाला नहीं है तो आंखों में तकलीफ महसूस होने लगती है। नीलम के प्रतिकूल होने पर दुर्घटना में चोट लग सकती है और शारीरिक कष्ट हो सकता है।
नीलम व्यक्ति के शुभ नहीं होने पर धारण करने वाले को तुरंत आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है। नीलम अगर अनुकूल नहीं है तो बुरे और डरावने सपने आएंगे।
नीलम जिनके लिए अनुकूल और शुभ होता है उन्हें धारण करते ही शुभ फल देने लगता है। सबसे पहले तो स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी चल रही है तो उसमें राहत महसूस होने लगती है।
नीलम शुभ होने पर धारण करने वाले को आर्थिक लाभ मिलता है। नौकरी और व्यवसाय में उन्नति का संकेत भी नीलम तुरंत देता है।
नीलम धारण करने के बाद आपके साथ कुछ अशुभ घटना नहीं हो तब भी यह समझना चाहिए कि आपके लिए यह रत्न शुभ है।