प्रदेश के सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जनरल ओपीडी शुरू : मुख्यमंत्री
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि जनरल ओपीडी को भी चरणबद्ध रूप से प्रारंभ कर दिया जाए। इसको लेकर शासनादेश मंगलवार को ही जारी कर दिया गया है, जिसके अंतर्गत सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सभी सावधानियों और प्रोटोकॉल के साथ ओपीडी प्रारंभ की जा सकेगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के बाहर से आने वाले संक्रमण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कोविड बेड की संख्या को तत्काल बढ़ाया जाए। उन्होंने कोरोना नियंत्रण के लिए सर्विलांस व्यवस्था को और मज़बूत करने का निर्देश भी दिया है।
उक्त जानकारी बुधवार को यहां लोकभवन में कोरोना वायरस के संबंध में किए गए प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने दी। अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, हापुड़ बुलंदशहर और बागपत आदि के लिए कार्ययोजना बनाने और वहां के सरकारी/गैर सरकारी चिकित्सा संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को प्रदेश में 16 हज़ार 159 टेस्ट हुए, जो अभी तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने पब्लिक एड्रेस सिस्टम के द्वारा लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने पुलिस को निर्देश दिया है कि कहीं भी भीड़ को एकत्रित नहीं होने दिया जाए।
सावधानी के साथ प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्राइवेट क्लीनिक भी अपनी ओपीडी कर सकते हैं शुरू:-अमित मोहन प्रसाद
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि जिला अस्पतालों में अभी ओपीडी प्रारंभ नहीं की गई है। भविष्य में जिला अस्पतालों में भी जनरल ओपीडी को शुरू करने पर विचार किया जाएगा। निजी क्षेत्र के प्राइवेट क्लीनिक में सशर्त अनुमति दी गई है। सावधानी के साथ प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वह भी अपनी ओपीडी को शुरू कर सकते हैं।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि विगत 24 घंटों में 591 संक्रमण के नए प्रकरण सामने आए हैं। प्रदेश में एक्टिव इन्फेक्शन की कुल संख्या 5477 है। अब तक पूर्णत: उपचारित होकर 9239 लोग अपने घर जा चुके हैं। रिकवरी प्रतिशत अब भी 61 प्रतिशत के करीब बना हुआ है। इस संक्रमण से अब तक 465 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार कामगारों और श्रमिकों के घर जाकर उनका हालचाल लिया जा रहा है। अब तक उन्होंने 17 लाख 5 हज़ार 583 कामगारों और श्रमिकों की ट्रैकिंग की है। इनमें से 1485 लोगों में कोई न कोई लक्षण पाए गए हैं। इनके सैंपल लेकर जांच की जा रही है। सर्विलांस का कार्य करते हुए अबतक 18 हज़ार 458 इलाकों में 94 लाख 63 हजार 756 घरों का सर्वे किया गया है।