भू-वैज्ञानिकों ने 20 साल में पहली बार खोजा भूकंप का पैटर्न, 10 दिन पहले शुरू किया था तनाव ऊर्जा को छोड़ना
नई दिल्ली । धरती के नीचे प्लेट्स के टकराव व भूकंप (earthquake) को लेकर 20 साल में पहली बार भारतीय भू वैज्ञानिकों (Indian Geologists) को एक पैटर्न मिला है। बीते दिन नेपाल (Nepal) में भूकंप आने के बाद भारत के कई हिस्सों में झटके महसूस किए गए। वैज्ञानिकों ने जब इसकी समीक्षा शुरू की तो पाया कि 10 दिन पहले ही नेपाल के भूकंप स्त्रोत क्षेत्र ने संचित तनाव ऊर्जा को छोड़ना शुरू कर दिया था।
30 अक्तूबर को इस क्षेत्र में 4.1 और 4.9 तीव्रता वाले दो भूकंप आने के बाद धरती के नीचे प्लेट्स में टकराव होने से तनाव ऊर्जा पैदा हुई थी लेकिन बीते आठ नवंबर की रात 6.3 तीव्रता के साथ फिर से धरती कांपी। इतना ही नहीं, भू वैज्ञानिकों ने समीक्षा में यह भी पाया है कि नेपाल का दिपायल सिलगढ़ी क्षेत्र भूकंप को लेकर काफी संवेदनशील है।
यहां अक्तूबर 2020 से लेकर नौ नवंबर 2022 तक करीब 200 से ज्यादा बार प्लेटस के आपस में टकराव से घर्षण पैदा हुआ है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया, भारत व उसके आसपास के क्षेत्र में सालाना भूकंप की स्थिति पैदा होती है।
बीते कुछ साल में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, लेकिन भारत में अब तक इसे लेकर कोई एक पैटर्न सामने नहीं आया है। छोटा या फिर बड़ी तीव्रता के अलावा इन घटनाओं का आपस में कोई मेल नहीं है लेकिन आठ नवंबर को भारत के 260 हिस्सों में जिन झटकों को महसूस किया गया, उनका पैटर्न जरूर मिला है।
अक्तूबर में ही 116 घटनाएं
उन्होंने बताया कि इंडियन और एशियन प्लेट के आपस में टकराने से भूकंप की घटना होती है जो आम तौर पर महसूस नहीं होते हैं लेकिन उपकरण इन्हें दर्ज करते हैं। अगर सरकारी आंकड़ों की बात करें तो बीते अक्तूबर माह में ही 116 घटनाएं भारतीय क्षेत्र में दर्ज की गई हैं। इससे पहले सितंबर माह में 214 और अगस्त में 185 घटनाएं हुईं। साल 2017 से अब तक की स्थिति देखें तो भूकंप की घटनाओं में करीब 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
इन स्थानों पर महसूस किए गए झटके
मंत्रालय के एक अन्य भू वैज्ञानिक ने बताया कि बीती रात पश्चिम में वडोदरा से लेकर पूर्व में सिलीगुड़ी, दक्षिण में विजयवाड़ा और उत्तर भारत के कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बीते दिन दो बार भूकंप के झटके आए जिनकी तीव्रता 5.6 दर्ज की गई, जबकि उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में एक बार ही झटके महसूस किए गए। इनके अलावा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में भी झटके महसूस हुए।