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George Floyd death: पूर्व राष्‍ट्रपति ओबामा बोले- हताशा को दर्शाता है ये विरोध, पर हिंसा का समर्थन नहीं

वाशिंगटन (एजेंसी): अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के विरोध में हिंसा की निंदा की है। उन्‍होंने प्रदर्शनकारियों से अपनी समस्‍याओं के राजनीतिक समाधान का आह्वान किया। उन्‍होंने आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए कहा है कि विरोध प्रदर्शन पुलिस प्रथाओं और व्यापक आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार की विफलता पर एक वास्तविक और वैध हताशा का प्रतिनिधित्व करता हैं। उन्‍होंने कहा लेकिन इसके बावजूद हमें हिंसा का सहारा लेने वालों की निंदा करनी चाहिए।

पूर्व राष्‍ट्रपति ने कहा कि हम विरोध करके जनता को जागरूक कर सकते हैं और अन्याय रोशनी डाल सकते हैं। हमें उन आकांक्षाओं को विशिष्‍ट कानूनों और संस्‍थागत प्रथााओं में तब्‍दील करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि हम जितना अधिक हम आपराधिक न्याय और पुलिस सुधार की मांग कर सकते हैं। बता दें कि जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पर भारी विरोध प्रदर्शन के दौरान संयुक्त राज्य भर में लगभग 4,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मिनियापोलिस शहर में पुलिस हिरासत में 46 वर्षीय अफ्रीकी अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद  संयुक्त राज्य भर के प्रदर्शनकारी 25 मई से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 

प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए सेना के उपयोग के संकेत 

उधर, अमेरिका में जारी नस्‍लीय हिंसा के बीच राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए सेना के उपयोग के संकेत दिए है। उन्‍होंने कहा कि इस समस्‍या के जल्‍द समाधान के लिए देशभर में सेना की तैनाती के लिए वह 1807 कानून लागू कर रहे हैं। राष्‍ट्रपति ट्रंप ने एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि राजधानी वाशिंगटन की सुरक्षा के लिए मैं एक निर्णायक कार्रवाई कर रहा हूं। उन्‍होंने कहा कि इस बर्बरता पूर्ण हमले को रोकने के लिए और देश की संपत्ति की रक्षा के लिए वाशिंगटन में हजारों सशस्‍त्र बलों के साथ सेना की तैनाती करेंगे। 

एक सप्‍ताह से नस्‍लीय हिंसा में सुलग रहा है अमेरिका

गौरतलब है कि पुलिस हिरासत में अश्वेत व्यक्ति जार्ज फ्लॉयड की मौत के बाद लगातार छह रातों से झुलस रहे अमेरिका में हालात और बेकाबू हो गए। 40 शहरों में कफ्र्यू लगा दिया गया है। हिंसा की आग व्हाइट हाउस तक पहुंच चुकी है। अमेरिकी राष्ट्रपति के निवास के करीब तक पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने उपद्रव किया। उग्र भीड़ ने इमारतों पर फहरा रहे अमेरिकी राष्ट्रीय ध्वज को आग के हवाले कर दिया। बाद में सड़कों पर पेड़ गिराकर आवागमन बाधित कर दिया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े। हिंसा फैलाने के आरोप में देश भर में चार हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार लिया गया है। देश भर में हिंसक घटनाओं में अब तक पांच लोगों की जान जा चुकी है और दर्जनों सुरक्षा अधिकारी घायल हो चुके हैं।

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