स्वास्थ्य

खुद को सिर्फ 5 मिनट दें, खर्राटे से हमेशा के लिए छुटकारा पायें

बिजी लाइफस्‍टाइल और खान-पान की गलत आदतों के चलते आज ज्‍यादातर महिला किसी न किसी बीमारी की चपेट में आ रही है। और इससे बचने के उपायों की खोज मे रहती हैं ताकि डॉक्‍टरों के चक्‍कर काटने से बचा जा सकें। लेकिन वह इस बात से अनजान हैं कि इन सभी समस्‍याओं से बचने के लिए लाइफस्‍टाइल और खान-पान की आदतों में बदलाव बेहद जरूरी है।

ऐसी ही एक समस्‍या खर्राटे की है जो खुद को परेशान करने के साथ-साथ दूसरों की नींद भी उड़ा देती है। साथ ही कई तरह की बीमारियों का कारण भी बनती हैं। ऐसे में इससे छुटकारा पाना बेहद जरूरी होता है। आज हम आपकी बेहद ही आम समस्‍या यानि खर्राटे से बचाने वाला उपाय लेकर आए है। जी हां जिन महिलाओं को खरोर्ट की समस्‍या है उनको इस आर्टिकल में दिए जबरदस्‍त नुस्‍खे को जरूर अपनाना चाहिए। आइए जानें कौन सा है ये नुस्‍खा। लेकिन इससे पहले हम जान लेते हैं कि खर्राटे की समस्‍या क्‍या है और यह क्‍यों होती है।

क्यों आते है खर्राटे ?

आम धारणा यह है कि खर्राटे अधिक थकान के कारण आते है। लेकिन ऐसा नहीं है। सांस में रुकावट आना खर्राटे आने की मुख्य वजह है। जब व्‍यक्ति सोता है तो उसके मुंह और नाक के अंदर से हवा ठीक तरह से नहीं निकल पाती। यही वजह है कि खर्राटे की स्थिति उत्पन्न होने लगती है।

कुछ लोगों में नाक की हड्डी टेढ़ी होने से सांस लेने में परेशानी होने पर खर्राटे की समस्‍या होती हैं। खर्राटे हेल्थ के लिए परेशानी भी बन सकते हैं, अगर इनका समय पर ट्रीटमेंट ना किया जाए तो स्लीप एप्निया की समस्‍या हो सकती है। यह समस्या आपकी नींद में बाधा तो डालती ही है, साथ में शरीर को भी नुकसान भी पहुंचा सकती है।

लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्‍योंकि आप सिर्फ खुद को रोजाना 5 मिनट देकर इस समस्‍या से आसानी से बच सकती हैं। जी हां हम 1 योग के बारे में बात कर रहे हैं जिसे सिर्फ 5 मिनट करने से आप खर्राटे की समस्‍या से छुटकारा पा सकती हैं। इस योग का नाम उज्‍जायी प्राणायाम है।

उज्जायी प्राणायाम

उज्जायी शब्द का अर्थ होता है- जीतने वाला। इस प्राणायाम को करने से वायु को जीता जाता है। यानि उज्जयी प्राणायाम से हम अपनी सांसों पर विजय पा सकते हैं। जब इस प्राणायाम को किया जाता है तो शरीर में गर्म वायु प्रवेश करती है और दूषित वायु निकलती है। योग में उज्जायी क्रिया और प्राणायाम के माध्यम से बहुत से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।

उज्जायी प्राणायाम करने का तरीका

इस प्राणयाम को करने के लिए सुखासन में बैठ जाए।
फिर को मुंह को बंद करके नाक के दोनों छिद्रों से तब तक सांस को अंदर खींचे, जब तक फेफड़ों से हवा पूरी तरह बाहर न जाएं।
फिर कुछ देर सांस अंदर तक रोक कर रखें। इसके बाद नाक के दूसरे छिद्र से धीरे-धीरे सांस बाहर निकालें।
यह योगासन एक से दो मिनट तक कर सकते हैं।
वायु को अंदर खींचते व बाहर छोड़ते वक्त गले से खर्राटे की आवाज निकलनी चाहिए।
शुरुआत में इस प्राणायाम 5 बार करें फिर धीरे-धीरे बढ़ाते हुए 20 बार तक ले जाएं।
उज्जायी प्राणायाम करने का दूसरा तरीका है कि गले को सिकोड़ कर सांस इस प्रकार लें व छोड़ें की इस क्रिया की आवाज आए। पांच से दस बार सांस इसी प्रकार लें और फिर छोड़ें। फिर इसी प्रकार से सांस अंदर भरकर गले को सिकोड़ना शिथिल करें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ दें।

उज्जायी प्राणायाम के फायदे

उज्जायी प्राणायम करने से खर्राटे की समस्‍या दूर होने के साथ-साथ यह थायरॉयड रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसे करने से गर्दन में मौजूद पैराथाइरॉयड ग्‍लैंड भी दूरुस्त रहता है। यह गले से बलगम को हटाता है और फेफड़े की बीमारियों को भी दूर करता है।

इसके अलावा यह साइनस में भी बहुत फायदेमंद होता है और कुछ महिलाओं को साइनस की समस्‍या के कारण खर्राटे आते हैं। अगर आप खर्राटे की समस्‍या से परेशान हैं तो रोजाना खुद को सिर्फ 5 मिनट जरूर दें ताकि आप इस योगासन को कर सकें।

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