परमात्मा की शरण में जाना ही मुक्ति का मार्ग : आचार्य दिव्यांश कृष्ण महाराज

रायबरेली के ग्रामसभा नेरथुआ में भागवत कथा का आयोजन
रायबरेली : जिले के ग्रामसभा नेरथुआ में चल रही भागवत कथा में परमात्मा की महिमा का वर्णन करते हुए दिव्यांश कृष्ण महाराज ने बताया कि संसार के प्राणियों की यही रीत है कि जब सुख पड़ता है तो सभी साथ हो जाते हैं और जब दुख पड़ता है तो सभी मुख मोड़ लेते हैं। कोई किसी का साथ नहीं देता और जब हर व्यक्ति आपका साथ छोड़ देता है, तब केवल भगवान ही काम आते हैं। इसीलिए इस संसार में तो रहो पर इस संसार को अपने अंदर मत आने दो। संसार में स्वार्थी लोग भरे पड़े हैं, ऐसे लोगों से दूर रहकर परमात्मा की शरण में जाना ही मुक्ति का मार्ग है।
आचार्य दिव्यांश कृष्ण महाराज ने गजेंद्र मोक्ष की कथा सुनाते हुए बताया कि राजा इंद्रद्युम्न, जो भगवान विष्णु के भक्त थे, उन्हें महर्षि अगत्स्य के शाप के कारण गजेंद्र के रूप में जन्म लेना पड़ा था। गजेंद्र का भी यही हाल हुआ जब उसके पूरे परिवार ने उसका साथ छोड़ दिया। गजेंद्र को एक सरोवर में ग्राह (मगरमच्छ) के जबड़े में फंसाया गया था, अपनी भयानक स्थिति में गजेंद्र ने भगवान विष्णु की स्तुति की। भगवान विष्णु, गजेंद्र की स्तुति सुनकर, गरुड़ पर सवार होकर सरोवर में आए और ग्राह को मार दिया, जिससे गजेंद्र मुक्त हो सका। कष्ट के समय में भगवान ने ही उसका साथ दिया। अतः हम सभी को भगवान का ही आश्रय लेना चाहिए। आयोजन में अशोक मिश्रा, बबलू मिश्रा, संकर मिश्रा, आशुतोष शुक्ला, कृष्णा शुक्ला, पुष्पक मिश्रा, अंजनी मिश्रा आदि भक्तगण मौजूद रहे।