Good Friday 2018: क्यों मनाते हैं गुड फ्राइडे और क्या थे प्रभु ईसा के अंतिम शब्द
30 मार्च को गुड फ्राइडे है। ईसाई समुदाय के लोगों के लिए गुड फ्राइडे का विशेष महत्व होता है। इस दिन ईसाई धर्म के प्रवर्तक प्रभु ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। गुड फ्राइडे के दिन ईसा मसीह ने तमाम तरह की यातनाएं सहते हुए अपने प्राण त्याग थे। प्रभु ईसा ने धरती पर हो रहे अत्याचारों का विरोध और प्रेम, क्षमा का संदेश देते हुए सूली पर चढ़ गए थे। इसलिए इस दिन को लोग गुड फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे, ग्रेट फ्राइडे या ईस्टर फ्राइडे भी कहते हैं।
आज के ही दिन प्रभु ईसा को सूली पर लटकाए जाने से पहले उन्हें तमाम तरह की यातनाएं दी। उनके सिर पर कांटो का ताज पहनाया गया। फिर सूली को कंधों पर उठाकर ले जाने को कहा गया इस दौरान उन पर लगातार चाबुक बरसाए गए। फिर बेरहमी से कीलों की सहायता से उनको सूली पर लटका दिया गया। कहते है कि करीब 6 घंटे वह सूली पर लटके रहे। बाइबिल के अनुसार जब प्रभु ईसा अपने प्राण त्याग रहे थे तो उन्होंने ईश्वर को पुकारकर कहा कि हे पिता मैं अपनी आत्मा को तुम्हारे हाथों को सौंपता हूं। फिर उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए। इस दिन गिरजाघरों में ईसाई धर्म को मनाने वाले लोग सभी को ईसा मसीह की तरह इंसान से प्रेम और उनके अपराधों को माफ करने का संदेश देते हैं।